कक्षा 11 भूगोल नोट्स | हर अध्याय के लिए PDF | Class 11 Geography Notes in Hindi Medium

Notes in Hindi

कक्षा 11 भूगोल नोट्स यहाँ उपलब्ध है। यह कक्षा 11 के नोट्स को भूगोल के शिक्षकों ने सावधानीपूर्वक लिखे है। यहाँ हमने कक्षा 11 के भूगोल विषय के सभी अध्यायों के नोट्स pdf मे शेयर करें है। इसलिए अब आप Class 11 Geography Notes in Hindi की मदद से परीक्षा की तैयारी कर सकते है तथा 11वीं कक्षा मे भूगोल मे 100% नंबर भी ला सकते है।

कक्षा 11 भूगोल नोट्स

सबसे सटीक नोट्स यह रहे कक्षा 11 के भूगोल विषय के लिए।

  • खनिज एवं शैल
  • जैव विविधता एवं संरक्षण
  • पृथ्वी की आतंरिक संरचना
  • पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास
  • पृथ्वी पर जीवन
  • प्राकृतिक आपदाएं और संकट
  • प्राकृतिक वनस्पति
  • भारत स्थिति
  • भू-आकृतिक प्रक्रियाएं
  • भू-आकृतियां तथा उनका विकास
  • भूगोल एक विषय के रूप में
  • मसागरों और महाद्वीपों का विवरण
  • महासागरीय जल
  • महासागरीय जल संचलन
  • वायुमंडल का संघटन एवं संरचना
  • वायुमंडल में जल
  • वायुमण्डलीय परिसंचरण तथा मौसमी प्रणालियां
  • विश्व की जलवायु
  • संरचना तथा भू आकृति विज्ञान
  • सौर विकरण, ऊष्मा संतुलन एवं संरचना
  • कक्षा 11 नोट्स

भूगोल के अलावा अन्य काफी विषय है ग्यारहवीं कक्षा मे। इन सबके टिप्पणियाँ आपके लिए यह रही।

हर वर्ग के लिए टिप्पणियाँ यह प्रस्तुत है।

  • कक्षा 9 नोट्स
  • कक्षा 10 नोट्स
  • कक्षा 12 नोट्स

अन्य अध्ययन सामग्री

भूगोल एवं अन्य विषयों के पढ़ाई लिखाई के कुछ और शस्त्र यह रहे।

कक्षा 11 भूगोल

भूगोल एक दिलचस्प विषय है। इसमे महारत हासिल करने के लिए यह जरूरी बातें जान ले।

  • सबसे पहले आपको कक्षा 11 भूगोल का सिलेबस जानना होगा।
  • फिर पाठ्यक्रम अनुसार कक्षा 11 भूगोल की पुस्तक से अध्याय पढ़ने होंगे।
  • कक्षा 11 भूगोल प्रश्नावली को solve करने के लिए आप कक्षा 11 भूगोल एनसीईआरटी समाधान का उपयोग ले सकते है।
  • और परीक्षा से पहले नोट्स एवं 11वीं के भूगोल के सैंपल पेपर आदि का जरूर इस्तेमाल करें।

कक्षा 11 भूगोल नोट्स का overview

कक्षा 11वीं कक्षा
विषय भूगोल
अध्ययन सामग्री 11वीं कक्षा भूगोल के नोट्स
इस कक्षा के बाकी विषयों के नोट्स
सारे कक्षाओं के लिए टिप्पणियाँ
कक्षा 11 की किताब
NCERT Solutions

यदि आप कक्षा 11 भूगोल नोट्स के बारे मे कुछ पूछना चाहते है, तो कृपया नीचे कमेंट्स बॉक्स मे लिख कर बताए।

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भूगोल क्या है, geography in Hindi

Geography in Hindi | भूगोल क्या है, अर्थ, परिभाषा, शाखाएं

आप यदि भूगोल के बढ़े में जानने में उत्सुक हो तो आपके लिए ये लेख लाया हु। इस लेख के जरिए आपको भूगोल क्या है ?( Geography in Hindi ) के बढ़े में पूरी जानकारी दूंगा। आप यदि किसीभी exam की तैयारी कर रहे हो और आपकी syllabus में भूगोल है तो सबसे पहले आप भूगोल के बड़े में जानो। इसे भूगोल पढ़ना बहुत आसान हो जायेगा। यहां पर आपको भूगोल के बढ़े में जितना हो सके पूरी जानकारी देने की कोशिश करूंगा। इसलिए इस लेख को ध्यान लगाकर अंत तक पढ़ो और भूगोल (Geography) के बढ़े में जानकी हासिल करो। तो चलिए सुरु करते है।

भूगोल का अर्थ क्या है? – Geography Meaning in Hindi

भूगोल के बढ़े में जानने से पहले भूगोल(Geography) शब्द का अर्थ जन लीजिए।

‘भूगोल’ शब्द दो शब्द से मिलकर बना है। एक है ‘भू’ और दूसरा है ‘गोल’ ( भू + गोल = भूगोल )। इसमें से ‘भू’ कर अर्थ है भूमि मतलब प्रथ्वी और ‘ गोल’ कर अर्थ है गोल (Circle )। अर्थात ‘ भूगोल’ कर अर्थ है प्रथ्वी गोल ।

‘भूगोल’ का अंग्रेजी शब्द है Geography (जियोग्राफी) । Geography शब्द दो ग्रीक शब्द से मिलकर बना है एक है ‘Geo’ और दूसरा ‘Graphos’ से मिलकर बना है। Geo शब्द का अर्थ है ठोस, तरल और गैसीय पदार्थों से बनी पृथ्वी और Graphos का अर्थ वर्णन करना । अर्थात ‘geography’ का अर्थ है पृथ्वी का वर्णन करना।

‘भूगोल’ शब्द का प्रोयोज सर्वप्रथम भारतीय भूगोलविद आर्यभट्ट ने उनकी बुक “सूर्य सिद्धांत” में किया था और Geography शब्द को पहली बार Greek पंडित Eratosthenes (इरेटोस्थनीज) ने उपयोग किया था। भूगोल विषय का सुरूयत Greek से ही सुरु हुए था।

भूगोल क्या है? – What is Geography In Hindi?

भूगोल या Geography एक ऐसा विषय है जहां पर प्रथ्वी के बढ़े में वर्णन जाता है, भूगोल पृथ्वी का अध्ययन है । भूगोल में प्रथ्वी में स्थित स्थल, महासागर, वनस्पति, जीव जंतु, पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन, वातावरण का वर्णन करता है और सिर्फ प्रथ्वी में स्थित चीज की नहीं प्रथ्वी के बाहर महाकाश का, आकाशीय पिंड, चंद्र, सूर्य, ग्रह, नक्षत्र का वर्णन भी भूगोल करता है। 

भूगोल के जरिए हमे ये पता चल पता है की प्रथ्वी का जन्म कैसे हुआ, पृथ्वी में स्थित हर चीज (पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील इत्यादि) का जन्म कैसे हुआ और बाद में इसका बदलाव कैसे हो रहा है यह सब कुछ भूगोल में ही जानने को मिलता है। भूगोल के जरिए हमें प्रथ्वी के साथ साथ विश्व के बारे में पता चलता है।

भूगोल की परिभाषा – Definition of Geography In Hindi

भूगोल के पूरी भाषा अलग अलग भौगोलिक में अलग अलग तरीके से दिया है। तो चलिए जान लेते हैं कि भूगोल की परिभाषा क्या है।

कार्ल रिटर (1779-1859) ने भूगोल की परिभाषा में कहा “भूगोल विज्ञान का वह विभाग है, जिसमे भूमंडल के सभी लक्षणों घटनाओं और उनके संबंधोँ का पृथ्वी को स्वतंत्र रुप मेँ मनाते हुए वर्णन किया जाता है। इसकी समग्र एकता मानव एवं मानव जगत से संबंधित दिखाई देती है।”
क्लॉडियस टॉलमी ने कहा “भूगोल पृथ्वी की झलक को स्वर्ग में देखने वाला आभामय विषय है” ।
हम्बोल्ट भूगोल की परिभाषा में कहा “भूगोल प्रकृति के अध्ययन से संबंधित विज्ञान है तथा इसका उद्देश्य विभिन्न प्राकृतिक तत्वों के अंतसंबंधों का अध्ययन करना है। हंबोल्ट ने भूगोल को एक विवेचनात्मक विज्ञान माना है।”

भूगोल का अध्ययन का उद्देश्य क्या है?

दुनिया में मनुष्य द्बारा किया हुआ हर काम में कुछ उद्देश्य होते है। वसेही भूगोल का भी उद्देश्य है जिसके लिए भूगोल को बनाया गया और हर कोई भूगोल पढ़ता है। तो चलिए जान लेते जा क्या क्या उद्देश्य है भूगोल का।

  • भूगोल पढ़ने से प्रथ्वी के बढ़े में जानने को मिलता है। प्रथ्वी में स्थित हर एक चीज के बढ़े ने जानकारी मिलता है। जिससे प्रथ्वी में स्थित हर एक चीज का उपयोग करने का तरीका पता चलता है जिससे हमारे जीवन में सुख लाया जा सकता है। 
  • भूगोल पढ़ने से इस विशाल प्रथ्वी में कहा कौनसी देश है, कहा कौन सी सागर है, कहां पर पहाड़ है ये पता लगाया जा सकता जा।
  • भूगोल पढ़ने से ज्ञान लाभ के साथ साथ देश का आर्थिक और सामाजिक योजना में सक्रिय भूमिका निभा जा सकता है।
  • भौगोलिक रिटर और हुमबोल्ट के अनुसार भूगोल का एक उद्देश्य है पृथ्वी का मानव निवास के रूप में अध्ययन करना।
  • भूगोल का उद्देश्य है प्रथ्वी की हर एक क्षेत्र को समझाने के लिए सूत्र या नियम बनाना।
  • प्रथ्वी के साथ साथ सूर्य, चंद्र, नक्षत्र और ग्रह के बारे में जानना और नया नया जानकारी हासिल करना।
  • भूगोल पढ़ने से आधुनिक तकनीक जैसे GIS, GPS, संगणक मानचित्र कला, दूर संवेदन(Remote sensing) के बढ़े में अच्छे से जानकारी मिल पाती है।

यही था भूगोल का कुछ उद्देश्य जिसके लिए हमे भूगोल पढ़ना चाहिए।

(English)

भूगोल की शाखाएं – Branches of Geography in Hindi

भूगोल का ही मुख्य शाखाएं है। वह दो मुख्य शाखाएं है 

  • भौतिक भूगोल (Physical Geography)
  • मानव भूगोल (Human Geography)

भौतिक भूगोल क्या है? – Physical Geography in Hindi

भौतिक भूगोल भूगोल की मुखिया शाखाएं है। भूगोल की इस शाखाएं में प्रथ्वी का भौतिक रूप का वर्णन है। इस शाखाएं में प्रथ्वी की अलग अलग क्षेत्र जैसे नदी, पहाड़, देश, नगर, सागर के बढ़े में अध्ययन किया जाता है और नदी, पहाड़, देश, नगर, सागर आदि किसे कहते है और कहाँ पर स्थित हैं ये जाना जाता है। भूगोल अर्थ इसी विभाग से लिया गया।

भूगोल की इस शाखाएं को भी अलग अलग भागों में विभाजित किया गया है और प्रथ्वी की अलग अलग भौतिक रूप को पूरी विवरण के साथ आलोचना किया गया है। 

भौतिक भूगोल की शकाएं –  

भू-आकृति विज्ञान (geomorphology), समुद्र विज्ञान (oceanography या oceanology या marine science), जलवायु विज्ञान (climatology).

भौतिक भूगोल की इस शाखा में भूमि का आकृति, प्रकृति और उनको आकार देने वाली प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। इसमें भूमि रूप के बड़े में बहुत गहराई से अध्ययन किया जाता है। इसमें पहाड़, पर्वत, पठार, मैदान के बड़े में अध्ययन किया जाता है।

किसी भूमि कैसे बना? उसका आकार के पीछे कारण क्या है? उसमे क्या क्या परिवर्तन होता है? इस तरह की सबल का जबाब जानने की कोशिश इस भाग में किया जाता है। 

William Morish Devish को Geomorphology का जनक माना जाता है।

भौतिक भूगोल की इस शाखा में समुद्र के बारे में अध्ययन किया जाता है उसे समुद्र विज्ञान कहा जाता है। इस विज्ञान में समुद्र के तट, समुद्र जल, समुद्र में होने वाले अलग-अलग घटना समुद्र में जीव का और और समुद्र से जुड़े हर चीज का अध्ययन किया जाता है और समुद्र को अच्छे से समझा जाता है। समुद्र का मानक जीवन में प्रभाव के बारे में भी अध्ययन इसी क्षेत्र में किया जाता है।

समुद्र का अध्ययन करने वालों को Oceanographer कहां जाता है। 

भौतिक भूगोल की इस शाखा में जलवायु के बारे में अध्ययन किया जाता है। जिला वायु का परिवर्तन जलवायु से होने वाले मानव जीवन में प्रभाव जलवायु के कारण प्रवेश का अंतर क्या होता है इसके अलावा बहुत सारे जलवायु से जुड़े जानकारी इस विज्ञान के अध्ययन से मिलता है।

Alexander von Humboldt को जलवायु विज्ञान का जनक कहा जाता है।

भौतिक भूगोल की इस शाखा में जीप और उनका अवस्थल के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसमें अलग-अलग जीवन का अवस्थल और प्रजातियों का भूस्थानिक वितरण के बारे में भी अध्याय किया जाता है। स्थान के सापेक्ष जब का भिन्नता का अध्ययन भी किया जाता है।

मृदा भूगोल ( Pedology)

भौतिक भूगोल कि जिस शाखा में मृदा या Soil के बारे में अध्ययन किया जाता है उसे मृदा भूगोल कहा जाता है। गूगल की इस क्षेत्र में मृदा के उत्पत्ति इसका बनने का कारण कैसे बना मृदा, मनुष्य के ऊपर कैसे प्रभाव पड़ता है उसके बारे में बहुत सारे जानकारी इस भाग के जरिए हासिल की जाती है।

मानव भूगोल क्या है? – Human Geography in Hindi

मानव भूगोल में मानव के बारे में अध्ययन किया जाता है। मानव भूगोल में मानव के जन्म से लेकर वर्तमान में मानव के साथ पर्यावरण के साथ संपर्क का अध्ययन किया जाता है। 

मानव भूगोल की परिभाषा में रेगजेल ने कहा ‘ मानव एवं उसका प्राकृतिक पर्यावरण के साथ समायोजन का अध्ययन’ ।

मानव क्रियाकलाप को मानव भूगोल का केंद्र बिंदु माना जाता है। मानव भूगोल में अलग-अलग जाति के मानवों के बारे में, मानव के साथ वातावरण का संबंध, मानव के साथ पर्यावरण का संबंध के बढ़े में जानकारी मिलती है।

मानव भूगोल की भी अलग अलग शाखाएं होती है वह क्या है आपको नीचे बता देता हु।

मानव भूगोल की शाखाएं –

  • मानवविज्ञान भूगोल

जनसंख्या भूगोल

सांस्कृतिक भूगोल, राजनीतिक भूगोल.

  • आर्थिक भूगोल 

ऐतिहासिक भूगोल

अधिवास भूगोल.

मानव भूगोल की इस भाग में मनुष्य का जनसंख्या, लिंग अनुपात, मनुष्य का घनत्व कुमार यह सब कुछ इस भाग में होता है।

मानव बगल की इस शाखा में पृथ्वी में मौजूद अलग-अलग संस्कृति का अध्ययन करता है। अलग-अलग मनुष्य संस्कृति में पाए जाने वाला विविधता  का और किसी क्षेत्र में मनुष्य कैसे संस्कृति के जरिए पर्यावरण के साथ संबंध स्थापना करता है स्थापना करता है उसका अध्ययन करता है।

मानव भूगोल की इस शाखा में देश या राज्य की राजनीति के बारे में अध्ययन करता है। इसमें किसी देश या राज्य का भौगोलिक क्षेत्र का विश्लेषण करता है। किसी क्षेत्र में राजनीति सामाजिक शांति और संगठन बनाए रखने में सक्षम है उसका अध्ययन करता है।

आर्थिक भूगोल  

आर्थिक भूगोल में आर्थिक भूगोल में मनुष्य का अर्थनीतिक क्रियाकलाप का अध्ययन करता है। इसमें अलग-अलग देश में पाए जाने वाला कृषि के उत्पादन, आर्थिक संपत्ति, व्यवसाय के बारे में अध्ययन करता है उसकी सूची तैयार करता है और किसी देश का आर्थिक स्थिति कैसा है उसके बारे में भी अध्ययन करता है।

भूगोल की इस शाखा में अलग-अलग भौगोलिक घटना में जो बदलाव आता है इसका अध्ययन करता है। इस शाखा में इस शाखा में अतीत में किसी समय किसी स्थान का भौगोलिक परिवेश का अध्ययन करता है और उसे आज तक होने वाली परिवर्तन का भी अध्ययन करता है। 

विशाखा के माध्यम से इतिहास के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद मिलती है।

इस शाखा में मनुष्य धारा बनाया गांव और नगर का अध्ययन करता है। अलग-अलग नगर और गांव में मनुष्य का वितरण और बहुत सारा अलग-अलग विशेषताई का अध्ययन करता है।

भूगोल का विज्ञान से संबंध

भूगोल का विज्ञान से संबंध बहुत गहरा है। क्योंकि वर्तमान में भूगोल भी विज्ञान का एक अंश है। भूगोल के साथ विज्ञान के जो अलग-अलग शाखाएं हैं उसके साथ बहुत मिल है। जैसे भूगोल से गणित का बहुत संबंध है। भूगल पढ़ने के लिए आपको गणित के बारे में ज्ञान होना जरूरी है। क्योंकि भूगोल मे अक्षांश या देशांतर का हिसाब में गणित की जरूरत होता है। इसी तरह भूगोल के भू विज्ञान का संबंध है, खगोल विज्ञान का संबंध है, वनस्पति विज्ञान का संबंध है।

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भूगोल का प्रश्न उत्तर – Geography question and answer in Hindi

यहां पर आपको भूगोल का कुछ important प्रश्नों और उसका उत्तर बता देता हूं जिससे आपको पढ़ने में आसानी होगी।

भूगोल का अर्थ क्या है?

Ans) भूगोल का अर्थ प्रथ्वी गोल ।

Geography meaning in Hindi

Ans) Geography शब्द का अर्थ है प्रथ्वी का वर्णन ।

भूगोल शब्द का प्रोयोग सर्वप्रथम किसने किया?

Ans) भूगोल शब्द का प्रो सर्वप्रथम Eratosthenes (इरेटोस्थनीज) ने किया था।

भूगोल का जनक कौन है?

Ans) इरेटोस्थनीज को भूगोल का जनक माना जाता है। वह प्राचीन यूनानी विद्वान थे।

भौतिक भूगोल के पिता कौन है?

Ans) भौतिक भूगोल का जनक पोलिडोनियन को कहा जाता है.

मानव भूगोल का पिता किसको कहा जाता है?

Ans) कार्ल रिटर को मानव भूगोल का पिता माना जाता है।

भूगोल के कितने प्रकार हैं?

Ans) भूगोल का मुख्य दो शाखाएं है एक है भौतिक भूगोल और मानव भूगोल ।

इस लेख से आप जाना भूगोल क्या है? ( Geography in Hindi ) और भूगोल के बढ़े में बहुत कुछ जानकारी। उम्मीद है कि आप को इस लेख से भूगोल के बारे में सही जानकारी मिली है। यह लेख आपको अच्छा लगे तो जरूर इस वेबसाइट में visit करते रहना और Facebook और Telegram में join भी हो जाना।

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  • मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र (CH-1) Notes in Hindi || Class 12 Geography Chapter 1 in Hindi ||
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class 12 Geography chapter 1 detailed notes in hindi

मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

In this post we have given the detailed notes of class 12 geography chapter 1 Manav bhugol prakratik evam vishaya shetra (Human Geography (Nature and Scope)) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 12 board exams.

इस पोस्ट में क्लास 12 के भूगोल के पाठ 1 मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र (Human Geography (Nature and Scope) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
NCERT
Class 12
Geography
Chapter 1
(Human Geography (Nature and Scope))
Class 12 Geography Notes in Hindi
Hindi

  • 2.2. मानव भूगोल
  • 2.3. मानव भूगोल की विचारधाराएं
  • 2.4. निश्चयवाद / नियतिवाद
  • 2.5. मानव का प्रकृति करण
  • 2.6. संभववाद
  • 2.7. प्रकृति का मानवीकरण
  • 2.8. नव निश्चयवाद
  • 2.9. मानव भूगोल के क्षेत्र
  • 3. Click Here to Download PDF Notes
  • 4. Click Here to Attempt Quiz
  • 5. Click Here for Important Questions
  • 6. Click Here for Objective Questions
  • 7. More Important Links

•         GEOGRAPHY   दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है जिन का अर्थ होता है  पृथ्वी का वर्णन

•         इरेटोस्थनीज   को भूगोल का जनक माना जाता है

•         भूगोल को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है

•         भौतिक भूगोल

•         मानव भूगोल

•         आधुनिक मानव भूगोल का जनक  फ्रेडरिक रेटजेल  को माना जाता है

•         इन्होंने अपनी किताब  एंथ्रोपॉजियोग्राफी  के अंदर मानव भूगोल का वर्णन किया है

•         मानव भूगोल की परिभाषा

•         रेट जेल

•         मानव भूगोल मानव समाज और पृथ्वी के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है

•         एलेन सी सैंपल

•         मानव भूगोल स्थित पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन   है

मानव भूगोल की विचारधाराएं

•         मानव भूगोल की विचारधाराओं से हमारा अभिप्राय अलग-अलग वैज्ञानिकों के मानव भूगोल को देखने के नजरिए से है साधारण शब्दों में कहें तो आज तक मानव भूगोल के अनेकों वैज्ञानिक हुए उन सब वैज्ञानिकों ने जिस प्रकार मानव और पृथ्वी के संबंध को देखा उन्ही से ही भौगोलिक विचारधाराएं बनी है

•         मानव भूगोल की मुख्य 3 विचारधाराएं है

•         नियतिवाद

•         संभववाद

•         नव निश्चयवाद

निश्चयवाद  /  नियतिवाद

•         यह विचारधारा मानव भूगोल की प्रारंभिक विचारधाराओं में से एक है

•         इसके अंतर्गत उस मानव का जिक्र किया गया है जो आदिम था और पृथ्वी से डर कर रहता था

•         उसने खुद को पृथ्वी के अनुसार ढाल लिया था क्योंकि वह पृथ्वी को प्रभावित नहीं कर सकता था

•         विशेषताएं

•         प्रौद्योगिकी का स्तर निम्न था

•         मानव विकास ना के बराबर था

•         मानव प्रकृति की सुनता था उसकी पूजा करता था और उससे डरता था

•         मानव सीधे तौर पर प्रकृति पर निर्भर था और वह किसी भी रुप में पृथ्वी को प्रभावित नहीं करता था

•         इस विचारधारा के अनुसार पृथ्वी ज्यादा शक्तिशाली थी और वह मानव को अपने अनुसार चलाती थी

•         उदाहरण के लिए

•         पुराने समय में जब मानव आदिवासी था तो बारिश ना होने पर वह सिंचाई के अन्य साधन ना ढूंढ कर पृथ्वी की पूजा करने और उसे खुश करने में लग जाता था ताकि बारिश हो सके और वह अच्छे से खेती कर सके

मानव का   प्रकृति करण

•         निश्चयवाद की स्थिति को ही मानव का प्रकृति कारण कहा जाता है

•         इस स्थिति के अंदर मानव ने पृथ्वी के अनुसार जीना सीखा और

•         मानव के ऊपर पृथ्वी का प्रभाव ज्यादा था

•         इसके समर्थक रेट जेल और हमबोल्ट थे

•         इस विचारधारा के समर्थक विडाल डी. ला. ब्लाश थे

•         यह विचारधारा निश्चयवाद के आगे की स्थिति का वर्णन करती है जब मनुष्य का विकास हुआ और वह प्रकृति के नियमों को समझने लगा

•         प्रकृति के नियमों को समझने के बाद मनुष्य ने प्रकृति को प्रभावित करना शुरू किया और अपने अनुसार प्रकृति को ढालना शुरू किया

•         मनुष्य पृथ्वी से स्वतंत्र होकर रहने लगा

•         अपने अनुसार पृथ्वी को बदलने लगा

•         पृथ्वी पर उपस्थित संसाधनों का प्रयोग करना सीख गया

•         मानव ने गर्मी से बचने के लिए कूलर और सर्दी से बचने के लिए स्वेटर बनाना सीख लिया

प्रकृति का मानवीकरण

•         प्रकृति का मानवीकरण उसी स्थिति को कहा गया है जब मनुष्य प्रकृति के नियमों को समझकर प्रकृति को प्रभावित करने लगा

•         नियतिवादी विचारधारा में जहां मनुष्य पृथ्वी के अनुसार  रहता  था अब उसने पृथ्वी को अपने अनुसार परिवर्तित करना सीख लिया इसे ही प्रकृति का मानवीकरण कहा गया

नव निश्चयवाद

•         यह निश्चयवाद और संभववाद के बीच का रास्ता है

•         इसे रुको और जाओ निश्चयवाद भी कहा जाता है

•         इसके अनुसार मनुष्य ना तो पूरी तरह से प्रकृति को बदल सकता है और ना ही प्रकृति पूरी तरह से मनुष्य को प्रभावित कर सकती

•         मानव केवल प्रकृति के नियमों को समझ कर पृथ्वी को अपने रहने अनुसार बना सकता है

•         यह विचारधारा ना तो निश्चयवाद की तरह पूर्ण रूप से प्रकृति को मनुष्य से ऊपर दिखाती है और ना ही संभववाद की तरह मानव को प्रकृति से ऊपर दिखाती है यह इन दोनों के बीच का रास्ता दर्शाती है

मानव भूगोल के क्षेत्र

•         नगरीय भूगोल

•         जनसंख्या भूगोल

•         आर्थिक भूगोल

•         आवास भूगोल

•         सामाजिक भूगोल

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Manaw bhugol ke nots

Manav bhugol ke notes

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geography ka assignment hindi mein

भारत का भूगोल – भौगोलिक स्थिति, पड़ोसी देश | Indian Geography In Hindi

इस आर्टिकल में भारत के भूगोल की शुरुआत की गई है जहां पर विश्व के मानचित्र पर भारत की स्थिति अक्षांश और देशांतर कर्क रेखा वाले राज्य भारत की तट रेखा पड़ोसी देश आदि की जानकारी दी गई है |

महत्वपूर्ण बिंदु -

भारत का भूगोल – सामान्य परिचय

भारत देश पृथ्वी पर उत्तरी गोलार्ध में स्थित है तथा अगर देशांतर रेखाओं के आधार पर देखा जाए तो पूर्वी गोलार्ध में स्थित है | इसलिए यह भी कहा जाता है कि भारत उत्तर-पूर्वी गोलार्ध में स्थित है | यानी कि भारत उत्तरी अक्षांश और पूर्वी देशांतर में स्थित है |

भारत उत्तरी गोलार्ध में 8°4′ से 37°6′ N तक विस्तारित है, लेकिन अगर अंडमान निकोबार द्वीप को शामिल करके संपूर्ण भूमि को देखा जाए, तो भारत का अक्षांशीय विस्तार 6°4′ से लेकर 37°6 ‘ के बीच में स्थित है | भारत का देशांतर विस्तार 68°6′ से 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच में स्थित है |

भारत का क्षेत्रफल 32,86,200 वर्ग किलोमीटर है | भारत का क्षेत्रफल विश्व के क्षेत्रफल का 2.42 % है |

इस Topic के साथ सामान्य ज्ञान (Statics GK, Polity, Geography, History, Current Affairs) के सभी टॉपिक की उपलब्ध हैं |

क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से भारत विश्व में 7वें स्थान पर आता है | भारत से पहले 6 देशो का क्षेत्रफल भारत से ज्यादा है | यह देश क्रमानुसार है:- 1.रूस, 2.कनाडा, 3.चीन, 4.अमेरिका, 5.ब्राजील, 6.ऑस्ट्रेलिया | आपको यह भी याद रखना है कि भारत के बाद 8वें स्थान पर अर्जेंटीना है |

भारत की जनसंख्या

भारत दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या का देश है | भारत में संपूर्ण विश्व की लगभग 17.5% जनसंख्या निवास करती हैं | ध्यान रहे यह आंकड़ा 2011 की जनगणना का है और अभी संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या भारत में है |

जनसंख्या के आधार पर शीर्ष 5 बड़े देश

भारत का विस्तार

मानचित्र में अब सीधी रेखा की जाए सूची जाए, तो भारत का उत्तर से दक्षिण की लंबाई 3214 किलोमीटर है तथा भारत की पश्चिम से पूर्व की लंबाई 2933 किलोमीटर है | आपको यह याद रखना है कि उत्तर से दक्षिण की लंबाई पूर्व से पश्चिम की लंबाई की तुलना में थोड़ी ज्यादा है |

चारों दिशाओं में भारत के 4 सुदूरतम बिंदु निम्नलिखित हैं –

  • उत्तरीतम बिंदु – इंदिरा कॉल
  • मुख्य भूमि – कन्याकुमारी (तमिलनाडु)
  • संपूर्ण भूमि – इंदिरा पॉइंट (अंडमान निकोबार द्वीप)
  • पश्चिम बिंदु – सर क्रीक (गुजरात)
  • पूर्वीतम बिंदु – वालंगू / किबिथू (अरुणाचल प्रदेश)

india map

भारत के पड़ोसी देश

भारत 7 देशों से अपने सीमा बनाता है और इन सभी देशो का नाम आपको याद रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी है एक ऐसी ही ट्रिक है जो शायद आप जानते होंगे, लेकिन आपको याद करवाने के लिए महत्वपूर्ण है |

इस ट्रिक की खास विशेषता यह है, कि इसमें सभी देशों का भारत के साथ सीमा की लंबाई घटते क्रम में दी गई है |

यहां पर यह 7 देश है:- 1.बांग्लादेश, 2.चीन, 3.पाकिस्तान, 4.नेपाल, 5.म्यांमार, 6.भूटान, 7.अफगानिस्तान |

देशसीमा की लंबाईसीमा से सटे हुए राज्य
4096असम (दो बार सीमा), मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल ( सर्वाधिक सीमा)
3488  लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश
3323  गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू कश्मीर
1751 उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तराखंड
1643अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर
699असम, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश
106जम्मू कश्मीर (POK)
  • स्थल सीमा के अलावा भारत के कई ऐसे देश हैं, जो कि समुद्री पड़ोसी देश है; जैसे- 1.पाकिस्तान, 2.मालदीव, 3.श्रीलंका, 4.बांग्लादेश, 5.म्यांमार, 6.थाईलैंड, 7.इंडोनेशिया |
  • यह आपको याद रखना है की भारत के स्थल में भी 7 पड़ोसी देशों तथा समुद्री पड़ोसी देशों की संख्या भी 7 हैं |
  • पाकिस्तान,बांग्लादेश और म्यानमार भारत के ऐसे पड़ोसी देश हैं, जो कि भारत के साथ समुद्री और स्थल दोनों सीमा बनाते हैं |

भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा

रेडक्लिफ लाइन: – भारत और पाकिस्तान के सीमा रेखा को रेडक्लिफ लाइन कहां जाता है, इसे 15 अगस्त 1947 को सर सी.जी. रेडक्लिफ द्वारा निर्धारित किया गया था | मैकमोहन रेखा: – भारत और चीन के बीच में स्थित सीमा को मेकमोहन रेखा कहते हैं | मेक मोहन रेखा का निर्धारण 1914 में शिमला समझौते के तहत किया गया था | डूरंड रेखा :- डूरंड रेखा भारत और अफगानिस्तान के बीच में 1896 में निर्धारित की गई थी, हालांकि अभी वर्तमान में इसका अधिकतर भाग पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा के रूप में मौजूद हैं | भारत और नेपाल के मध्य काली नदी सीमा का निर्धारण करती हैं | पटकाई की पहाड़ियां भारत और म्यांमार को अलग करती है | पाक जल संधि भारत और श्रीलंका के बीच में स्थित है |

भारतीय मानक समय (GMT)

  • भारतीय मानक समय (IST)GMT से 5½ घंटा आगे हैं  |
  • भारत की मानक समय समय रेखा 82½ डिग्री पूर्वी रेखा है, जोकि इलाहाबाद के पास में स्थित नैनी से गुजरती है |
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्य प्रदेश
  • आंध्र प्रदेश

कर्क रेखा:- कर्क रेखा 23½ डिग्री उत्तरी अक्षांश में स्थित है, जो कि भारत को लगभग 2 हिस्सों में विभाजित करती हैं | कर्क रेखा भारत के किन राज्यों से होकर गुजरती हैं, जिनका नाम आपको याद रखना महत्वपूर्ण है और यह राज्य हैं:- 1.गुजरात, 2.राजस्थान, 3.मध्यप्रदेश, 4.छत्तीसगढ़, 5.झारखंड, 6.पश्चिम बंगाल, 7.त्रिपुरा, 8.मिजोरम |

दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है, तो आपसे निवेदन है कि आप इसे अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए तथा ऐसे ही जानकारी सबसे पहले पाने के लिए हमारे टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन कर लीजिए |

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geography ka assignment hindi mein

Naresh Kumar

Naresh Kumar is Founder & Author Of EXAM TAK. Specialist in GK & Current Issue. Provide Content For All Students & Prepare for UPSC.

5 thoughts on “भारत का भूगोल – भौगोलिक स्थिति, पड़ोसी देश | Indian Geography In Hindi”

Thanks sir,

This was really great information. This is the one of the most helpful tutorials. I really appreciate your work, please keep it up and help others in such a unique way. Thanks

Nice information for in dain geography indira kol(n) indira point (s) 3214km sirkrik (w) valangu(e) 2933 km

Thanks Sandeep

Best for exam

Nice Post By EXAM TAK

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NCERT Solutions

NCERT Exemplar Problems, CBSE Revision Notes for Class 12, 11, 10, 9, 8, 7, and 6

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 (Hindi Medium)

September 18, 2021 by Raju

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Resource and Development (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium . Here we have given NCERT Solutions Class 10 Geography Chapter 1 Question Answer .

प्रश्न अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से संक्षेप में लिखें

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) लौह अयस्क किस प्रकार का संसाधन है? (क) नवीकरण योग्य (ख) प्रवाह (ग) जैव (घ) अनवीकरण योग्य

(ii) ज्वारीय ऊर्जा निम्नलिखित में से किस प्रकार का संसाधन है? (क) पुनः पूर्ति योग्य (ख) अजैव (ग) मानवकृत (घ) अचक्रीय

(iii) पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्नलिखित में से मुख्य कारण क्या है? (क) गहन खेती (ख) अधिक सिंचाई (ग) वनोन्मूलन (घ) अति पशुचारण

(iv) निम्नलिखित में से किस प्रांत में सीढ़ीदार (सोपानी) खेती की जाती है? (क) पंजाब (ख) उत्तर प्रदेश के मैदान (ग) हरियाणा (घ) उत्तरांचल

(v) इनमें से किस राज्य में काली मृदा पाई जाती है? (क) जम्मू और कश्मीर (ख) राजस्थान (ग) गुजरात (घ) झारखंड

उत्तर (i) (घ) (ii) (क) (iii) (ख) (iv) (घ), (v) (घ)।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

(i) तीन राज्यों के नाम बताएँ जहाँ काली मृदा पाई जाती है। इस पर मुख्य रूप से कौन-सी फसल उगाई जाती है? उत्तर काली मृदा का रंग काला होता है। इन्हें रेंगर मृदा भी कहते हैं। ये लावाजनक शैलों से बनती हैं। ये मृदाएँ महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, मालवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार पर पाई जाती हैं। काली मृदा कपास की खेती के लिए उचित समझी जाती है। इसे काली कपास मृदा के नाम से भी जाना जाता है।

(ii) पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? उत्तर पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है। इस जलोढ़ मृदा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • यह मृदा हिमालय के तीन महत्त्वपूर्ण नदी तंत्रों- सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा लाए गए निक्षेपों से | बनी है।
  • जलोढ़ मृदा में रेत, सिल्ट और मृत्तिका के विभिन्न अनुपात पाए जाते हैं। जैसे-जैसे हम नदी के मुहाने से घाटी में ऊपर की ओर जाते हैं, मृदा के कणों को आकार बढ़ता चला जाता है।
  • जलोढ़ मृदा बहुत उपजाऊ होती है। अधिकतर जलोढ़ मृदाएँ पोटाश, फास्फोरस और चूनायुक्त होती हैं जो इनको | गन्ने, चावल, गेहूँ और अन्य अनाजों और दलहन फसलों की खेती के लिए उपयुक्त बनाती हैं। अधिक उपजाऊपन के कारण जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है।

(iii) पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाने चाहिए? उत्तर मृदा के कटाव और उसके बहाव की प्रक्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं। विभिन्न मानवीय तथा प्राकृतिक कारणों से मृदा अपरदन होता रहता है। पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाने चाहिए

  • पर्वतीय ढालों पर समोच्च रेखाओं के समानांतर हल चलाने से ढाल के साथ जल बहाव की गति घटती है। इसे | समोच्च जुताई कहा जाता है।
  • पर्वतीय ढालों पर सीढ़ीदार खेत बनाकर अवनालिका अपरदन को रोका जा सकता है। पश्चिमी और मध्य हिमालय में सोपान अथवा सीढ़ीदार कृषि काफी विकसित है।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में पट्टी कृषि के द्वारा मृदा अपरदन को रोका जाता है। इसमें बड़े खेतों को पट्टियों में बाँटा जाता | है। फसलों के बीच में घास की पट्टियाँ उगाई जाती हैं। ये पवनों द्वारा जनित बल को कमजोर करती हैं।
  • पर्वतीय ढालों पर बाँध बनाकर जल प्रवाह को समुचित ढंग से खेती के काम में लाया जा सकता है। मृदा रोधक बाँध अवनालिकाओं के फैलाव को रोकते हैं।

(iv) जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दें। उत्तर जैव संसाधन-वे संसाधन जिनकी प्राप्ति जीवमंडल से होती है और जिनमें जीवन व्याप्त होता है, जैव संसाधन कहलाते हैं, जैसे-मनुष्य, वनस्पति जगत, प्राणी जगत, पशुधन तथा मत्स्य जीवन आदि। अजैव संसाधन-वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं, जैसे-चट्टानें और धातुएँ ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए (i) भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई, इसका क्या कारण है? उत्तर भारत में भूमि का उपयोग अलग-अलग प्रकार के कार्यों में किया जाता है। कुल भूमि में से 93 प्रतिशत भोग के ही उपयोग के आँकड़े उपलब्ध हैं। कुल प्राप्त भूमि में से 46.6 प्रतिशत भूमि शुद्ध बोये गए क्षेत्र के अंतर्गत आती है।

22.5 प्रतिशत भूमि पर वन हैं। 13.8 प्रतिशत भूमि बंजर और कृषि अयोग्य भूमि है। 7.7 प्रतिशत भूमि परती भूमि है। 4.8 प्रतिशत भूमि पर चारागाह और बागान हैं। 4.6 प्रतिशत बंजर भूमि है। वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में वृद्धि तो हुई है किंतु यह वृद्धि बहुत मामूली है। राष्ट्रीय वन नीति (1952) के अनुसार 33 प्रतिशत भूमि पर वन होने चाहिए किंतु भारत में बढ़ती जनसंख्या, अधिक औद्योगीकरण आदि के कारण निरंतर वनों के कटाव से वन भूमि में अधिक वृद्धि नहीं हो पाई है। लगातार भू-उपयोग के कारण भू-संसाधनों का निम्नीकरण हो रहा है। अधिक वन पर्यावरण को संतुलित करते हैं, मृदा अपरदन को रोकते हैं तथा भूमि को निम्नीकरण से बचाते हैं। इसलिए अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाकर वनों के प्रतिशत को बढ़ाना जरूरी है।

परियोजना कार्य प्रश्न

1. अपने आसपास के क्षेत्रों में संसाधनों के उपभोग और संरक्षण को दर्शाते हुए एक परियोजना तैयार करें। उत्तर विद्यार्थी इस परियोजना को स्वयं करें। प्रश्न

2. आपके विद्यालय में उपयोग किए जा रहे संसाधनों के संरक्षण विषय पर अपनी कक्षा में एक चर्चा आयोजित करें। उत्तर विद्यार्थी अध्यापक की उपस्थिति में अपनी कक्षा में उपरोक्त विषय पर चर्चा करें। प्रश्न

3. वर्ग पहेली को सुलझाएँ; ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज छिपे उत्तरों को ढूंढे। नोट: पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में है। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ संख्या 14 देखें) उत्तर

  • भूमि, जल, वनस्पति और खनिजों के रूप में प्राकृतिक सम्पदा-Resources
  • अनवीकरण योग्य संसाधन का एक प्रकार-Minerals
  • उच्च नमी रखाव क्षमता वाली मृदा-Black soil
  • मानसून जलवायु में अत्यधिक निक्षालित मृदाएँ-Laterite soil
  • मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए बृहत् स्तर पर पेड़ लगाना-Afforestation
  • भारत के विशाल मैदान इन मृदाओं से बने हैं-Alluvial soil.

Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1  are helpful to complete your homework.

If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com  try to provide online tutoring for you.

Geography Notes in Hindi (भूगोल नोट्स)

Geography notes in Hindi : Geography notes in Hindi language are available here for UPSC, PCS and SSC candidates. हिंदी भाषा में भूगोल के नोट्स UPSC, PCS और SSC एग्जाम की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए यहां उपलब्ध हैं।

Geography Notes in Hindi (भूगोल के नोट्स)

  • भारत के भूगोल का परिचय
  • भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं एवं पड़ोसी देश
  • भारत के द्वीप समूह
  • गंगा नदी तंत्र
  • ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
  • सिन्धु नदी तंत्र
  • भारत के प्रमुख दर्रे
  • हिमालय पर्वत श्रृंखला
  • प्रायद्वीपीय भारत के पर्वत
  • प्रायद्वीपीय भारत के पठार
  • भारत के मैदान
  • दक्षिण भारत की अरब सागर में गिरने वाली नदियां
  • भारत की प्रमुख झीलें
  • भारत के प्रमुख जलप्रपात
  • राष्ट्रीय राजमार्ग की नंबरिंग की प्रक्रिया
  • स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना
  • उत्तर-दक्षिण तथा पूर्व-पश्चिम गलियारा
  • सौर मंडल (Solar System)
  • पृथ्वी का वायुमण्डल (Atmosphere of Earth)
  • चट्टानों के प्रकार
  • भारत में पायी जाने वाली भूगर्भिक चट्टानें
  • भारत के महत्वपूर्ण स्टील प्लांट
  • भारत के प्रमुख खनिज, उनकी खानें एवं राज्य
  • भारत में लौह अयस्क
  • भारत में मैंगनीज, बॉक्साइट तथा सोने के भण्डार
  • भारत में सीसा, जस्ता, तांबा एवं चाँदी के भण्डार
  • भारत में क्रोमाइट, निकेल एवं टिन के भण्डार
  • भारत में अधात्विक खनिज
  • भारत में अणु शक्ति वाले खनिज भण्डार
  • भारत में कोयला भण्डार
  • भारतीय जलवायु
  • ग्रीष्म ऋतु में मौसम की क्रियाविधि
  • दक्षिण पश्चिम मानसून
  • शीत ऋतु में होने वाली वर्षा
  • मानसून का निवर्तन (लौटता मानसून)
  • वृष्टि छाया क्षेत्र एवं अंतर उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ)
  • भारत में चक्रवातों की उत्पत्ति
  • भारत की प्राकृतिक वनस्पति का परिचय
  • मृदा की संरचना
  • भारत की मिट्टी के प्रकार
  • भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाएं
  • भारत की प्रमुख बांध परियोजनाएँ
  • भारत में कृषि
  • भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलें
  • भारत की प्रमुख दलहन एवं तिलहन फसलें
  • भारत की प्रमुख नकदी फसलें
  • भारत में पेट्रोलियम संसाधन
  • भारत में तेल परिष्करण
  • भारत की रिफाइनरियां के नाम एवं राज्य की सूची
  • भारत में प्राकृतिक गैस संसाधन
  • भारत के विद्युत ऊर्जा स्रोतों का परिचय 
  • ऊर्जा का वर्गीकरण
  • भारत में जल विद्युत
  • भारत में परमाणु ऊर्जा
  • भारत में रेल परिवहन
  • भारत में आंतरिक जल परिवहन
  • भारत के बंदरगाह
  • भारत में निवास करने वाली जनजातियाँ
  • एशिया का भूगोल
  • दक्षिण अमेरिका का भूगोल
  • यूरोप का भूगोल
  • उत्तर अमेरिका का भूगोल
  • अफ़्रीका का भूगोल
  • ऑस्ट्रेलिया का भूगोल
  • विश्व की प्रमुख नदियाँ
  • महासागरीय जलधाराएं

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पाठ 1- संसाधन और विकास भूगोल के नोट्स| Class 10th

पठन सामग्री और नोट्स (notes)| पाठ 1-  संसाधन और विकास भूगोल (sansaadhan aur vikash) bhugol class 10th, contact form.

Geography in Hindi: भूगोल का महत्व और जानकारी

आप यदि भूगोल के बारे में जानने में उत्सुक हो तो आपके लिए ये लेख लाया हु। इस लेख के जरिए आपको भूगोल क्या है?(Geography in Hindi) के बढ़े में पूरी जानकारी दूंगा। भूगोल एक विज्ञान है जो हमें पृथ्वी के स्वरूप, उसकी संरचना, जलवायु, और उस पर वास करने वाले प्राणियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह विज्ञान हमें पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों, समुद्रों, पहाड़ों, नदियों, और जंगलों के बारे में समझने में मदद करता है। भूगोल का अर्थ है “भूमि का विज्ञान”। यह एक व्यापक और महत्वपूर्ण विषय है, जिससे हमें दुनिया की रचना और प्राकृतिक पर्यावरण की समझ मिलती है। इस लेख में हम भूगोल के महत्व, भूगोल के मुख्य अध्ययन क्षेत्र, और भूगोल से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को हिंदी में विस्तार से जानेंगे।

Geography in Hindi

भूगोल का अर्थ क्या है? – Geography Meaning in Hindi

भूगोल’ शब्द दो शब्द से मिलकर बना है। एक है ‘भू’ और दूसरा है ‘गोल’ (भू + गोल = भूगोल)। इसमें से ‘भू’ कर अर्थ है भूमि मतलब प्रथ्वी और ‘ गोल’ कर अर्थ है गोल (Circle)। अर्थात ‘भूगोल’ कर अर्थ है प्रथ्वी गोल।

‘भूगोल’ का अंग्रेजी शब्द है Geography (जियोग्राफी)। Geography शब्द दो ग्रीक शब्द से मिलकर बना है एक है ‘Geo’ और दूसरा ‘Graphos’ से मिलकर बना है। Geo शब्द का अर्थ है ठोस, तरल और गैसीय पदार्थों से बनी पृथ्वी और Graphos का अर्थ वर्णन करना। अर्थात ‘geography’ का अर्थ है पृथ्वी का वर्णन करना।

‘भूगोल’ शब्द का प्रोयोज सर्वप्रथम भारतीय भूगोलविद आर्यभट्ट ने उनकी बुक “सूर्य सिद्धांत” में किया था और Geography शब्द को पहली बार Greek पंडित Eratosthenes (इरेटोस्थनीज) ने उपयोग किया था। भूगोल विषय का सुरूयत Greek से ही सुरु हुए था।

भूगोल क्या है? – What is Geography In Hindi?

भूगोल (या Geography in hindi) एक ऐसा विषय है जहां पर प्रथ्वी के बढ़े में वर्णन जाता है, भूगोल पृथ्वी का अध्ययन है। भूगोल में प्रथ्वी में स्थित स्थल, महासागर, वनस्पति, जीव जंतु, पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन, वातावरण का वर्णन करता है और सिर्फ प्रथ्वी में स्थित चीज की नहीं प्रथ्वी के बाहर महाकाश का, आकाशीय पिंड, चंद्र, सूर्य, ग्रह, नक्षत्र का वर्णन भी भूगोल करता है।

भूगोल एक रंगीन विषय है जो हमें पृथ्वी की विभिन्न जगहों के बारे में सीखाता है। यह विज्ञान हमें प्राकृतिक और व्यक्तिगत घटनाओं के बीच संबंध समझने में मदद करता है। भूगोल में हम धराती की संरचना, जलवायु, मानवीय विकास, जीवविज्ञान, नक्शे बनाना, भूगोलीय प्रोफाइल, और समुद्री तटों के बारे में सीखते हैं। यह विज्ञान हमारे जीवन के अलावा व्यापार, सफर, और नक्शे बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

भूगोल की परिभाषा – Definition of Geography In Hindi

भूगोल (geography in hindi)की परिभाषा अलग-अलग भौगोलिक में अलग-अलग तरीके से दिया है। तो चलिए जान लेते हैं कि भूगोल की परिभाषा क्या है।

1. 1779-1859 में कार्ल रिटर ने भूगोल की परिभाषा दि जिसके अनुसार “भूगोल विज्ञान का वह विभाग है, जिसमे भूमंडल के सभी लक्षणों घटनाओं और उनके संबंधोँ का पृथ्वी को स्वतंत्र रुप मेँ मनाते हुए वर्णन किया जाता है। इसकी समग्र एकता मानव एवं मानव जगत से संबंधित दिखाई देती है।”

2. क्लॉडियस टॉलमी के अनुसार “भूगोल पृथ्वी की झलक को स्वर्ग में देखने वाला आभामय विषय है”।

3. हम्बोल्ट के अनुसार “भूगोल प्रकृति के अध्ययन से संबंधित विज्ञान है तथा इसका उद्देश्य विभिन्न प्राकृतिक तत्वों के अंतसंबंधों का अध्ययन करना है। हंबोल्ट ने भूगोल को एक विवेचनात्मक विज्ञान माना है।”

प्रमुख भूगोल शाखाएँ

1 . भौगोलिक अद्ययन: इसमें भूखंडों की बनावट, नदियों, पर्वतों, और समुद्रों का अध्ययन किया जाता है। 2 . मानचित्रण: यह भूगोलिक जानकारी को ग्राफिकल रूप में प्रस्तुत करने का तरीका है। 3 . मौसम और जलवायु: जानिए विभिन्न मौसम प्रकृतियों और जलवायु संबंधी अद्ययन के बारे में। 4 . पृथ्वी के जीवन: इसमें प्राणियों, पौधों, और अन्य जीवों के बारे में जानकारी होती है।

भूगोल का अध्ययन का उद्देश्य क्या है?

दुनिया में मनुष्य द्बारा किया हुआ हर काम में कुछ उद्देश्य होते है। वसेही भूगोल का भी उद्देश्य है जिसके लिए भूगोल को बनाया गया और हर कोई भूगोल पढ़ता है। तो चलिए जान लेते जा क्या क्या उद्देश्य है भूगोल का।

  • भूगोल पढ़ने से प्रथ्वी के बारे में जानने को मिलता है।  जिससे प्रथ्वी में स्थित हर एक चीज का उपयोग करने का तरीका पता चलता है जिससे हमारे जीवन में सुख लाया जा सकता है।
  • भूगोल पढ़ने से इस विशाल प्रथ्वी में कहा कौनसी देश है, कहा कौन सी सागर है, कहां पर पहाड़ है ये पता लगाया जा सकता जा।
  • भूगोल पढ़ने से ज्ञान लाभ के साथ साथ देश का आर्थिक और सामाजिक योजना में सक्रिय भूमिका निभा जा सकता है।
  • भौगोलिक रिटर और हुमबोल्ट के अनुसार भूगोल का एक उद्देश्य है पृथ्वी का मानव निवास के रूप में अध्ययन करना।
  • भूगोल का उद्देश्य है प्रथ्वी की हर एक क्षेत्र को समझाने के लिए सूत्र या नियम बनाना।
  • प्रथ्वी के साथ साथ सूर्य, चंद्र, नक्षत्र और ग्रह के बारे में जानना और नया नया जानकारी हासिल करना।
  • भूगोल पढ़ने से आधुनिक तकनीक जैसे GIS, GPS, संगणक मानचित्र कला, दूर संवेदन(Remote sensing) के बढ़े में अच्छे से जानकारी मिल पाती है।

भूगोल के अध्ययन के कई मुख्य अवधारणाएं और उपक्षेत्र हैं। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण भूगोल के अध्ययन क्षेत्रों को देखेंगे:

1. फिजिकल भूगोल(physical geography)

फिजिकल भूगोल प्राकृतिक तत्वों, जैसे कि भूमि, जल, वायु, और जीवन के बारे में अध्ययन करता है। यह हमें पृथ्वी की बाहरी संरचना, परिवार, और वैश्विक जलवायु प्रणाली के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। फिजिकल भूगोल हमें पर्यावरणीय प्रकृति आपदाओं, जैसे कि प्रकोप, भूकंप, और तूफान, के बारे में भी जागरूक करता है।

2. मानवीय भूगोल(human geography)

मानवीय भूगोल मानव समुदायों, सामाजिक संरचना, आर्थिक विकास, और नागरिकता के बारे में अध्ययन करता है। यह हमें जनसंख्या, समुदायों के प्रकार, स्थानीय और वैश्विक विकास के प्रभाव, और जनसंचार के तंत्र के बारे में समझने में मदद करता है। मानवीय भूगोल के माध्यम से हम समाजशास्त्र, आर्थिक विज्ञान, और राजनीतिक विज्ञान के बीच संबंध समझ सकते हैं।

3. जलवायु भूगोल(climate geography)

जलवायु भूगोल जल वायु के प्रभाव, मौसम, और जलवायु परिवर्तन के बारे में अध्ययन करता है। यह हमें मौसम के पैटर्न, मौसमी घटनाओं के कारण, और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझने में मदद करता है। जलवायु भूगोल हमें बाढ़, सूखा, और ग्लेशियरों के घटनाओं के बारे में भी ज्ञान प्रदान करता है।

4. प्राकृतिक भूगोल(natural geography)

प्राकृतिक भूगोल प्राकृतिक संसाधनों, जैसे कि वनस्पति, जलवायु, और खनिजों के बारे में अध्ययन करता है। यह हमें वनस्पति की प्रकृति और प्रकार, जलवायु प्रणाली की विशेषताएँ, और खनिज संसाधनों के उपयोग को समझने में मदद करता है। प्राकृतिक भूगोल हमें पर्यावरणीय संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, और सुरक्षित जलस्रोतों के बारे में जागरूक करता है।

भूगोल के प्रमुख शाखाएँ

भूगोल कई प्रमुख शाखाओं में विभाजित होता है, जो हमें विशेष भूगोलिक विषयों पर अध्ययन करने का अवसर देती हैं। यहां हम कुछ मुख्य भूगोल की शाखाओं को देखेंगे:

1. समुद्र भूगोल(sea geography)

समुद्र भूगोल समुद्री तटों, महासागरों, और समुद्री जीवन के अध्ययन को सम्मिलित करता है। यह हमें समुद्री वातावरण, तटीय प्रकृति, और मानवीय गतिविधियों के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। समुद्र भूगोल हमें जलमग्न तटों, जीवन्त महासागरों, और जलीय आपदाओं के बारे में भी सिखाता है।

2. भूचालक भूगोल(geodetic geography)

भूचालक भूगोल भूकंप, पर्यावरणीय प्रकोप, और पहाड़ी जलवायु प्रणाली के अध्ययन को सम्मिलित करता है। यह हमें भूकंप की उत्पत्ति, कारण, और प्रभाव को समझने में मदद करता है। भूचालक भूगोल हमें पहाड़ी क्षेत्रों, तटीय इलाकों, और भूस्खलन के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।

3. वनस्पति भूगोल(plant geography)

संघटना, वनस्पति विचारधारा, और वनस्पति का प्रबंधन के अध्ययन को सम्मिलित करता है। यह हमें वनस्पति की प्रकृति, प्रजाति, और उनके प्रभावों को समझने में मदद करता है। वनस्पति भूगोल हमें वनस्पति संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, और वनस्पति आपदाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।

4. पृथ्वी विज्ञान(Earth Science)

पृथ्वी विज्ञान पृथ्वी की संरचना, उसके गतिविधियों, और भूगर्भीय प्रक्रमों के अध्ययन को सम्मिलित करता है। यह हमें भूमि की संरचना, मानवीय गतिविधियाँ, और भूगर्भीय क्रियाएँ समझने में मदद करता है। पृथ्वी विज्ञान हमें प्राकृतिक संसाधनों, भूसंचार, और जैव उपशोध के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।

5. आकाश भूगोल(sky geography)

आकाश भूगोल आकाशीय गतिविधियों, तारों, और ब्रह्मांड के अध्ययन को सम्मिलित करता है। यह हमें ब्रह्मांड की संरचना, तारों के प्रकार, और ग्रह गतिविधियों को समझने में मदद करता है। आकाश भूगोल हमें ब्रह्मांडीय संदर्भ, नक्शे, और खगोलीय नवीनीकरण के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।

6. मानवीय भूगोल(human geography)

मानवीय भूगोल मानव समुदाय, संसाधन, और सांस्कृतिक विभिन्नताओं के अध्ययन को सम्मिलित करता है। यह हमें जनसंख्या विश्लेषण, नगरीकरण, और समाजशास्त्र के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। मानवीय भूगोल हमें जनसंख्या विकास, सामाजिक संरचना, और स्थानीय विकास के प्रभाव को समझने में मदद करता है।

भूगोल के महत्वपूर्ण पहलुओं का अध्ययन

भूगोल के अध्ययन से हमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं का ज्ञान मिलता है, जो हमारे जीवन को सीधे और असीमित तरीके से प्रभावित करते हैं। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बात करेंगे:

1. प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन(management of natural resources)

भूगोल के अध्ययन से हमें प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करने का तरीका समझाया जाता है। यह हमें उचित खेती, वनस्पति संरक्षण, और जल संसाधनों के सही उपयोग के बारे में सिखाता है। प्राकृतिक संसाधनों का सही प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है ताकि हम इन्हें दिग्गजता से इस्तेमाल कर सकें और आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

2. जलवायु परिवर्तन और मौसम(climate change and weather)

भूगोल का अध्ययन हमें जलवायु परिवर्तन और मौसम के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। यह हमें मौसमी पैटर्न, वातावरणीय प्रभाव, और जलवायु बदलाव की विभिन्न पहचानों को समझने में मदद करता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कैसे जलवायु परिवर्तन हमारे जीवन, कृषि, और आर्थिक विकास को प्रभावित करता है और हम कैसे इससे संघर्ष कर सकते हैं।

3. पर्यावरणीय संरक्षण(environmental protection)

भूगोल के माध्यम से हमें पर्यावरणीय संरक्षण के बारे में जानकारी मिलती है। यह हमें पर्यावरणीय समस्याओं, जैसे कि वनों की कटाई, वायु प्रदूषण, और जल प्रदूषण के प्रभाव को समझने में मदद करता है। भूगोल के अध्ययन से हमें विभिन्न पर्यावरणीय संरक्षण के उपाय, जैसे कि वन्यजीव संरक्षण, जल संरक्षण, और जलवायु संबंधी समझ की जानकारी प्राप्त होती है।

4. सामाजिक और आर्थिक विकास(social and economic development)

भूगोल का अध्ययन हमें सामाजिक और आर्थिक विकास के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करता है। यह हमें आर्थिक गतिशीलता, शहरीकरण, और जनसंख्या के प्रभाव को समझने में मदद करता है। भूगोल के अध्ययन से हम जानते हैं कि कैसे सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए संघर्षों को समाधान किया जा सकता है और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ा जा सकता है।

5. भूगोलीय जानकारी के प्रभाव(effects of geographic information)

भूगोल का अध्ययन हमारे जीवन के कई पहलुओं पर सीधा प्रभाव डालता है। यह हमें भू-स्थानीय संरचना, पर्यटन, और व्यापार के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। भूगोलीय जानकारी हमें यात्रा की योजना बनाने, व्यापार स्थापित करने, और पर्यटन को विकसित करने में मदद करती है। इसके साथ ही, भूगोलीय जानकारी सामरिक सरगर्मियों और आपदा प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

6. संघर्षों और समाधान(conflicts and solutions)

भूगोल का अध्ययन हमें संघर्षों को समझने और समाधान करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। जैसे कि, भूगोलीय जानकारी से हम जान सकते हैं कि किस प्रकार भूकंप और तटीय विस्फोट जैसी प्राकृतिक आपदाओं के साथ कैसे निपटा जाए। इसके अलावा, भूगोलीय जानकारी हमें सीमाओं, संघर्षों और विवादों, और भू-राजनीतिक मामलों को समझने में भी मदद करती है।

Indian geography in hindi

Indian geography in hindi में जानने के लिए निचे गए जानकारी को ध्यान से पढ़े

भारत भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में स्थित है, जो दक्षिण एशिया में है। यह उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में चीन, उत्तर में नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यांमार और दक्षिण में श्रीलंका से घिरा है। भारत में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के साथ 7,500 किलोमीटर से अधिक की तटरेखा भी है।

भौतिक विशेषताएं:

भारत में पहाड़ों, रेगिस्तानों, मैदानों और जंगलों के साथ एक विविध भौतिक भूगोल है। हिमालय दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है, और वे भारत और चीन के बीच एक प्राकृतिक बाधा बनाते हैं। थार रेगिस्तान भारत के उत्तर पश्चिम में स्थित है, और यह देश के सबसे शुष्क क्षेत्रों में से एक है। सिंधु-गंगा का मैदान एक उपजाऊ क्षेत्र है जो भारत की अधिकांश आबादी का घर है। पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट दो पर्वत श्रृंखलाएं हैं जो क्रमशः भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों के साथ-साथ चलती हैं।

भारत में गर्म, आर्द्र ग्रीष्मकाल और गर्म, शुष्क सर्दियों के साथ एक उष्णकटिबंधीय जलवायु है। जलवायु एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होती है, हिमालय थार रेगिस्तान की तुलना में अधिक ठंडा है।

वनस्पति और जीव:

भारत में पौधों और जानवरों की 100,000 से अधिक प्रजातियों के साथ वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत विविधता है। देश कई राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों का घर है, जो बाघों, हाथियों और गैंडों जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करते हैं।

जनसांख्यिकी:

1.3 बिलियन से अधिक लोगों के साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारत में बोली जाने वाली 100 से अधिक विभिन्न भाषाओं के साथ जनसंख्या बहुत विविध है। अधिकांश भारतीय हिंदू हैं, लेकिन बड़ी संख्या में मुस्लिम, ईसाई और सिख आबादी भी है। अर्थव्यवस्था: भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला एक विकासशील देश है। देश वैश्विक आईटी और विनिर्माण उद्योगों में एक प्रमुख खिलाड़ी है।

भारत की एक समृद्ध और विविध संस्कृति है, जो इसकी कला, संगीत, नृत्य और साहित्य में परिलक्षित होती है। देश ताजमहल, स्वर्ण मंदिर और हम्पी खंडहर सहित कई यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों का घर है।

भौतिक भूगोल का महत्व(importance of geography in hindi)

  • भौतिक भूगोल महत्वपूर्ण है क्योंकि लोग पृथ्वी के बारे में सीखना पसंद करते हैं।
  • भौतिक भूगोल का अध्ययन छात्रों को दुनिया में होने वाली विभिन्न चीजों के बारे में खोज करने और अधिक जानने में सक्षम बनाता है।
  • यह हमें अपने आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।  यह हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारे आसपास की चीजें क्यों और कैसे हैं। उदाहरण के लिए, भौतिक भूगोल हमें यह समझने में मदद कर सकता है कि पहाड़ कैसे बनते हैं, नदियाँ कैसे बहती हैं, और मौसम कैसे बनता है।
  • यह हमें प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करने में मदद करता है।  भौतिक भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि प्राकृतिक संसाधन कहाँ पाए जाते हैं और वे कैसे काम करते हैं। यह हमें इन संसाधनों का स्थायी रूप से उपयोग करने में भी मदद कर सकता है।
  • यह हमें पर्यावरणीय समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में मदद करता है।  भौतिक भूगोल हमें यह समझने में मदद कर सकता है कि पर्यावरणीय समस्याएं क्यों उत्पन्न होती हैं और उन्हें कैसे हल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, भौतिक भूगोल हमें यह समझने में मदद कर सकता है कि जलवायु परिवर्तन क्यों हो रहा है और इसे कैसे रोका जा सकता है।

भूगोल के अध्ययन से क्या लाभ है?

भूगोल के अध्ययन से कई लाभ होते हैं। यह हमें दुनिया और हमारे आसपास की चीजों के बारे में बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। यह हमें महत्वपूर्ण निर्णय लेने, पर्यावरण की रक्षा करने और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने में भी मदद कर सकता है।

यहाँ भूगोल के अध्ययन के कुछ लाभ दिए गए हैं:

  • दुनिया को बेहतर ढंग से समझना:  भूगोल हमें विभिन्न देशों, महाद्वीपों और संस्कृतियों के बारे में जानने में मदद करता है। यह हमें यह समझने में भी मदद करता है कि दुनिया कैसे काम करती है।
  • अपने आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझना:  भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारे आसपास की चीजें क्यों और कैसे हैं। यह हमें यह भी समझने में मदद करता है कि हमारे कार्यों का हमारे आसपास की दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
  • प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करना:  भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि प्राकृतिक संसाधन कहाँ पाए जाते हैं और वे कैसे काम करते हैं। यह हमें इन संसाधनों का स्थायी रूप से उपयोग करने में भी मदद कर सकता है।
  • पर्यावरणीय समस्याओं को समझना और उनका समाधान करना:  भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि पर्यावरणीय समस्याएं क्यों उत्पन्न होती हैं और उन्हें कैसे हल किया जा सकता है। यह हमें पर्यावरण की रक्षा करने में भी मदद कर सकता है।
  • अपने भविष्य के लिए बेहतर निर्णय लेना:  भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि विभिन्न विकल्पों के संभावित परिणाम क्या हैं। यह हमें यह भी समझने में मदद करता है कि विभिन्न क्षेत्रों में रहने के विभिन्न लाभ और हानि क्या हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय संबंधों को समझना:  भूगोल हमें विभिन्न देशों के बीच संबंधों को समझने में मदद करता है। यह हमें यह भी समझने में मदद करता है कि अंतरराष्ट्रीय घटनाएं कैसे प्रभावित करती हैं और प्रभावित होती हैं।

भूगोल के सवाल-जवाब

भूगोल क्या है? उत्तर: भूगोल विज्ञान धरती के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने वाला एक विज्ञान है। यह धरती के स्थान, जलवायु, पर्यावरण, और मानव विकास के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

भूगोल क्यों महत्वपूर्ण है? उत्तर: भूगोल हमें धरती के विभिन्न पहलुओं की समझ प्रदान करता है और हमें पर्यावरणीय संरक्षण, सामाजिक और आर्थिक विकास, और संघर्षों के समाधान के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।

भूगोल की विभाजन क्या है? उत्तर: भूगोल को दो मुख्य विभागों में विभाजित किया जा सकता है – मानचित्र भूगोल और भौगोलिक ज्ञान। मानचित्र भूगोल में हम मानचित्रों का अध्ययन करते हैं, जबकि भौगोलिक ज्ञान में हम धरती के पहलुओं का अध्ययन करते हैं।

भूगोल का महत्व संबंधित किस क्षेत्र से है? उत्तर: भूगोल का महत्व विज्ञान, गणित, इतिहास, और आर्थिक विज्ञान से संबंधित है। भूगोल हमें वैज्ञानिक और गणितीय तकनीकों का उपयोग करके धरती के विभिन्न पहलुओं की समझ प्रदान करता है। इसके अलावा, इतिहास के दृष्टिकोण से भी भूगोल अहम रोल निभाता है, क्योंकि हमें यह बताता है कि ऐतिहासिक घटनाओं को कैसे जगह की परिभाषा दी जा सकती है। आर्थिक विज्ञान में भूगोल हमें व्यापार, वाणिज्यिक संचार, और यातायात के मार्गों को समझने में मदद करता है।

भूगोल का अध्ययन कैसे किया जाता है? उत्तर: भूगोल का अध्ययन हमेशा वैद्युत और अद्यतनीक तकनीकों का उपयोग करके किया जाता है। इसमें उपग्रह सूचना प्रणाली (GIS), रेडार सूचना, और सैटेलाइट चित्रण शामिल हो सकते हैं। इन तकनीकों का उपयोग करके, हम धरती के विभिन्न पहलुओं की जानकारी को दिग्गज स्तर पर समझ सकते हैं।

भूगोल के कुछ महत्वपूर्ण शाखाएं क्या हैं? उत्तर: भूगोल की कुछ महत्वपूर्ण शाखाएं हैं:भौगोलिक ज्ञान: यह धरती के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करती है, जैसे कि भू-जलवायु, भूजल, भूमि विज्ञान, और भूविज्ञान।

मानचित्र भूगोल: यह मानचित्रों का अध्ययन करती है और जगहों को समझने और वर्गीकरण करने में मदद करती है। सामाजिक भूगोल: यह सामाजिक प्रभावों, जाति-जनगणना, और समुदायों का अध्ययन करती है। आर्थिक भूगोल: यह वाणिज्य, व्यापार, और औद्योगिक विकास के बारे में जानकारी प्रदान करती है।

भूगोल के कोई दो महत्व लिखिए

उत्तर: भूगोल के दो महत्व निम्नलिखित हैं:

  • भूगोल हमें दुनिया को समझने में मदद करता है।  यह हमें विभिन्न देशों, महाद्वीपों और संस्कृतियों के बारे में बताता है। यह हमें यह समझने में भी मदद करता है कि दुनिया कैसे काम करती है।
  • भूगोल हमें अपने आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।  यह हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारे आसपास की चीजें क्यों और कैसे हैं। यह हमें यह भी समझने में मदद करता है कि हमारे कार्यों का हमारे आसपास की दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

इन दो महत्वों के अलावा, भूगोल के कई अन्य महत्व भी हैं, जैसे कि:

  • प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करने में मदद करना
  • पर्यावरणीय समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में मदद करना
  • अपने भविष्य के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करना
  • अंतरराष्ट्रीय संबंधों को समझने में मदद करना

भूगोल एक ऐसा विषय है जो हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है

पर्यावरण भूगोल का महत्व

उत्तर: पर्यावरण भूगोल का महत्व

पर्यावरण भूगोल एक ऐसा विषय है जो मानव और पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन करता है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह हमें समझने में मदद करता है कि पर्यावरण हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है और हम पर्यावरण को कैसे प्रभावित करते हैं।

पर्यावरण भूगोल का महत्व निम्नलिखित हैं:

  • यह हमें पर्यावरणीय समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने में मदद करता है।  पर्यावरण भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि पर्यावरणीय समस्याएं क्यों उत्पन्न होती हैं और उन्हें कैसे हल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, पर्यावरण भूगोल हमें यह समझने में मदद कर सकता है कि जलवायु परिवर्तन क्यों हो रहा है और इसे कैसे रोका जा सकता है।
  • यह हमें प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करने में मदद करता है।  पर्यावरण भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि प्राकृतिक संसाधन कहाँ पाए जाते हैं और वे कैसे काम करते हैं। यह हमें इन संसाधनों का स्थायी रूप से उपयोग करने में भी मदद कर सकता है।
  • यह हमें अपने भविष्य के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।  पर्यावरण भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारे कार्यों का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। यह हमें ऐसे निर्णय लेने में मदद कर सकता है जो पर्यावरण के लिए अधिक टिकाऊ हों।

भूगोल में तकनीकी के कोई दो महत्व लिखिए

उत्तर: भूगोल में तकनीकी का महत्व

भूगोल एक ऐसा विषय है जो हमें दुनिया को समझने में मदद करता है। तकनीक ने भूगोल के अध्ययन को और भी अधिक शक्तिशाली और प्रभावी बना दिया है।

तकनीक भूगोल के अध्ययन को अधिक सटीक और व्यापक बना रही है। उदाहरण के लिए, उपग्रह इमेजरी का उपयोग करके, भूगोलविद पृथ्वी की सतह का एक अत्यधिक विस्तृत और विस्तृत दृश्य प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन्हें प्राकृतिक और मानवीय विशेषताओं का अध्ययन करने में मदद मिलती है जो पहले दिखाई नहीं दे सकते थे।

तकनीक भूगोल अनुसंधान को भी अधिक कुशल बना रही है। उदाहरण के लिए, कंप्यूटर मॉडलिंग का उपयोग करके, भूगोलविद भौतिक प्रक्रियाओं और मानवीय गतिविधियों के प्रभावों का अध्ययन कर सकते हैं। इससे उन्हें कम समय और प्रयास में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है।

यहाँ कुछ विशिष्ट उदाहरण दिए गए हैं कि तकनीक भूगोल में कैसे उपयोग की जाती है:

  • उपग्रह इमेजरी का उपयोग करके, भूगोलविद जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ट्रैक कर सकते हैं, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी कर सकते हैं, और शहरी विकास की योजना बना सकते हैं।
  • कंप्यूटर मॉडलिंग का उपयोग करके, भूगोलविद भूकंप, तूफान, और सूखे जैसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों का अनुमान लगा सकते हैं।
  • मैपिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके, भूगोलविद मानचित्र बना सकते हैं जो अधिक सटीक और जानकारीपूर्ण हैं।

Solar System in Hindi: सौर मंडल और ग्रहों की जानकारी

Brijesh patel.

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मैं Hindipravah.com पर विभिन्न विषयों पर लिखने वाले लेखक हूँ। मैं धर्म, हिंदी व्याकरण की जानकारी, कहानियाँ और अन्य विषयों से संबंधित जानकारी देता हूँ। मैं विभिन्न क्षेत्रों से जानकारी को एकत्रित करता हूँ और इसे सरल भाषा में पेश करता हूँ ताकि हमारे पाठकों को समझने में आसानी हो। मेरा उद्देश्य है कि हम अपनी मातृभाषा हिंदी को आगे बढ़ाएं और लोगों को इसकी महत्ता और सुंदरता के बारे में जागरूक करें।

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संसाधन एवं विकास Class 10 Geography Chapter 1 MCQ Question Answer in Hindi

Class 10 भूगोल Chapter 1 Important MCQ Question Answer of संसाधन एवं विकास NCERT Solution in Hindi. NCERT Class 10 Geography in hindi Question Answer and Important Question Answer, Textual Question answer also Available for Various Board Students like HBSE, CBSE, UP board, Mp Board, RBSE and some other State Boards.

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NCERT Solution for Class 10 भूगोल / Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकास / Sansadhan avam vikas MCQ Important Question Answer in hindi for CBSE and HBSE.

संसाधन एवं विकास Class 10 Geography MCQ Question Answer

1. रियो डि जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन कहाँ हुआ था ? (A) अमेरिका (B) ब्राजील (C) चीन (D) जापान

Ans – (B) ब्राजील

2. पहला अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था? Most Important (A) जेनेवा (B) न्यूयॉर्क (C) जापान (D) रियो डी जनेरियो

Ans – (D) रियो डी जनेरियो

3. इनमें से किस राज्य में काली मिट्टी पायी जाती है ? Most Important (A) राजस्थान (B) असम (C) महाराष्ट्र (D) हरियाणा

Ans – (C) महाराष्ट्र

4. काली मिट्टी निम्नलिखित में से किस राज्य में पाई जाती है ? (A) बिहार (B) गुजरात (C) हरियाणा (D) पंजाब

Ans – (B) गुजरात

5. रेगर मिट्टी का दूसरा नाम क्या है ? (A) लैटेराइट मिट्टी (B) काली मिट्टी (C) जड़ मिट्टी (D) लवणीय मिट्टी

Ans – (B) काली मिट्टी

6. कपास उगाने के लिए कौन सी मिट्टी आदर्श है? (A) रेगुर मिट्टी (B) लेटराइट मिट्टी (C) रेगिस्तानी मिट्टी (D) लाल मिट्टी

Ans – (A) रेगुर मिट्टी

7. कपास उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी कौन-सी होती है ? (A) काली (B) लेटेराइट (C) मरुस्थलीय (D) पहाड़ी

Ans – (A) काली

8. भारत का उत्तरी मैदान किस प्रकार की मृदा से बना है ? (A) काली मिट्टी (B) जलोढ़ मिट्टी (C) लेटेराइट मिट्टी (D) मरुस्थलीय मिट्टी

Ans – (B) जलोढ़ मिट्टी

9. इनमें से सबसे अच्छा लौह-अयस्क कौन-सा है ? (A) हेमाटाइट (B) मैग्नेटाइट (C) लिमोनाइट (D) सिडेराइट

Ans – (B) मैग्नेटाइट

10. पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्नलिखित में से मुख्य कारण क्या है ? Most Important (A) गहन खेती (B) वनोन्मूलन (C) अधिक सिंचाई (D) अतिपशुचारण

Ans – (C) अधिक सिंचाई

11. लौह अयस्क निम्न में से किस प्रकार का संसाधन है? Most Important (A) नवीकरण (B) प्रवाह (C) जैविक (d) गैर-नवीकरणीय

Ans – (d) गैर-नवीकरणीय

12. जल किस प्रकार का संसाधन है ? (A) नवीनीकरण योग्य (B) प्रवाह (C) जैव (D) अनवीनीकरण योग्य

Ans – (A) नवीनीकरण योग्य

13. भारत के कुल स्थलीय क्षेत्र का कितने प्रतिशत भाग मैदानी है ? (A) 30% (B) 20% (C) 35% (D) 43%

Ans – (D) 43%

14. निम्नलिखित राज्यों में से किसमें भू-निम्नीकरण का मुख्य कारण अतिचारण है ? (A) झारखंड और उड़ीसा (B) मध्य प्रदेश और राजस्थान (C) पंजाब और हरियाणा (D) केरल और तमिलनाडु

Ans – (B) मध्य प्रदेश और राजस्थान

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Gyan Tarang

Class 10 geography chapter 1 question answer in hindi

Class:- 10th. Subject:- Geography Chapter:- 01. Resources and Development संसाधन एवं विकास Topic:- Class 10 geography chapter 1 question answer in hindi

__________________________ New Short Syllabus

Subject:- Geography Chapter:- 01. Resources and Development संसाधन एवं विकास

● Syllabus में शामिल (इसे पढ़ना है) 

• संसाधन की परिभाषा • संसाधनों के प्रकार में:- समाप्यता के आधार पर संसाधन और विकास के स्तर के आधार पर संसाधन • मृदा का वर्गीकरण में:- जलोढ़ मृदा तथा लाल और पीली मृदा

● Syllabus से बाहर

• संसाधनों के प्रकार में:- उत्पत्ति के आधार पर संसाधन और स्वामित्व के आधार पर संसाधन • संसाधनों का विकास • संसाधनों का नियोजन • भू संसाधन • भू उपयोग • भू निम्नीकरण और संरक्षण के उपाय • मृदा संसाधन • मृदा का वर्गीकरण में :- काली मिट्टी, लेटराइट मिट्टी, मरुस्थलीय मिट्टी तथा वन मिट्टी • मृदा अपरदन और संरक्षण ____________________________ Class 10 geography question answer in hindi

? न्यू शॉर्ट सिलेबस पर आधारित प्रश्न-उत्तर ? jac board 2021 के लिए इंपॉर्टेंट

• बहुविकल्पीय प्रश्न MCQs

1. वे संसाधन जो एक समय अंतराल पर पुनः प्राप्त हो जाते हैं, अर्थात कभी न समाप्त होने वाले संसाधन को किस प्रकार का संसाधन कहा जाता है?

(A) नवीकरणीय संसाधन (B) अनवीकरणीय संसाधन (C) विकसित संसाधन (D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर:- (A) नवीकरणीय संसाधन

2. राजस्थान में पवन और सौर ऊर्जा संसाधनों की अपार संभावनाएं हैं, ये दोनों संसाधन किस प्रकार के संसाधन हैं?

(A) विकसित संसाधन (B) जैव संसाधन (C) व्यक्तिगत संसाधन (D) संभावी संसाधन

उत्तर:- (D) संभावी संसाधन

3. संसाधनों का विकास और उपयोग इनमें से किस पर निर्भर करता है?

(A) मानवीय श्रम (B) जलवायु (C) प्रौद्योगिकी (D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर:- (C) प्रौद्योगिकी

4. इनमें से कौन से संसाधन पुनः चक्रिय है?

(A) लोहा (B) कोयला (C) पेट्रोलियम (D) प्राकृतिक गैस

उत्तर:- (A) लोहा

5. जलोढ़ मृदा इन में से कहां पाई जाती है?

(A) महाराष्ट्र (B) छत्तीसगढ़ (C) उत्तर प्रदेश (D) झारखंड

उत्तर:- (C) उत्तर प्रदेश

6. झारखंड में सबसे अधिक मात्रा में में से कौन सी मिट्टी पाई जाती है?

(A) जलोढ़ मिट्टी (B) काली मिट्टी (C) लाल एवं पीली मिट्टी (D) लेटराइट मिट्टी

उत्तर:- (C) लाल एवं पीली मिट्टी

7. धान/चावल के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी कौन सी है?

(A) लाल एवं पीली मिट्टी (B) जलोढ़ मिट्टी (C) काली मिट्टी (D) लेटराइट मिट्टी

उत्तर:- (B) जलोढ़ मिट्टी

8. उत्तर भारत के मैदान में कौन सी मिट्टी पाई जाती है?

(A) जलोढ़ मिट्टी (B) काली मिट्टी (C) लाल एवं पीली मिट्टी (D) पर्वतीय मिट्टी

उत्तर:- (A) जलोढ़ मिट्टी

9. खादर के बारे में इनमें से सबसे उपयुक्त कथन कौन सा है?

(A) यह नवीन जलोढ़ मिट्टी है (B) बांगर की अपेक्षा इसमें नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती है (C) इसमें चूने का निक्षेप नहीं पाया जाता (D) उपयुक्त सभी

उत्तर:- (D) उपयुक्त सभी

10. इनमें से कौन सा फसल का युग्म जलोढ़ मिट्टी में प्रमुखता से उपजाया जाता है?

(A) गेहूं और कपास (B) कपास और चना (C) धान और गन्ना (D) कपास और मक्का

उत्तर:- (C) धान और गन्ना

11. लौह अयस्क किस प्रकार का संसाधन है?

(क)  नवीकरण योग्य (ख) प्रवाह (ग) जैव (घ) अनवीकरण योग्य

उत्तर:- (घ) अनवीकरण योग्य

12. ज्वारीय उर्जा निम्न में से किस प्रकार का संसाधन है? {Jac board Annual Exam. 2019 }

(क) पुन: पूर्ति योग्य (ख) अजैव (ग) मानवकृत (घ) अचक्रीय

उत्तर:- (क) पुन: पूर्ति योग्य

13. निम्नलिखित में से किस प्रांत में सीढ़ीदार (सोपानी) खेती की जाती है? {Jac board Annual Exam. 2015, 2018}

(क)  पंजाब (ख) हरियाणा (ग) उत्तर प्रदेश के मैदान (घ) उत्तराखंड

उत्तर:- (घ) उत्तराखंड

Class 10 geography question answer in hindi

• Very Short Questions

1. संसाधन का दो उदाहरण बताएं? उत्तर:- जल और वन

2. राजस्थान में दो संभावित संसाधन का नाम बताएं? उत्तर:- पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा

3. कोयला किस प्रकार के संसाधन का उदाहरण है? उत्तर:- अनवीकरणीय संसाधन

4. दो पुनः चक्रीय संसाधन का नाम बताएं? उत्तर:- लोहा और तांबा

5. जल, वन, वायु किस प्रकार का संसाधन है? उत्तर:- नवीकरणीय संसाधन

6. दो विकसित संसाधनों के नाम लिखें? उत्तर:- पेट्रोलियम और खनिज

7. जलोढ़ मिट्टी के विस्तार वाले 2 राज्यों का नाम बतायें? उत्तर:- उत्तर प्रदेश और बिहार

8. पश्चिम बंगाल और पंजाब में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है? उत्तर:- जलोढ़ मिट्टी

9. पूर्वी तटीय डेल्टाओं में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है? उत्तर:- जलोढ़ मिट्टी

10. झारखंड के अधिकाश: भूभाग पर किस प्रकार का मिट्टी का विस्तार है? उत्तर:- लाल एवं पीली मिट्टी

11. गन्ना, चावल और गेहूं के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी कौन सी है? उत्तर:- जलोढ़ मिट्टी

12. आयु के आधार पर जलोढ़ मिट्टी के प्रकार को लिखें? उत्तर:- पुरानी जलोढ़ (बांगड़) और नई जलोढ़ (खादर)

13. कंकड़ और चूने के ग्रंथि जलोढ़ के किस मिट्टी में पाई जाती है? उत्तर:- बांगर

14. उत्तर भारत के मैदान में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है? उत्तर:- जलोढ़ मिट्टी

15. बांगर और खादर में सबसे अधिक उपजाऊ मिट्टी कौन सी है? उत्तर:- खादर मिट्टी

• Short Questions

1. संसाधन किसे कहते हैं.

उत्तर:- पर्यावरण में उपलब्ध वे वस्तुएं जो हमारी आवश्यकताओं को पूरी करता है तथा जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, जो आर्थिक रूप से संभव और सांस्कृतिक रूप से मान्य है, उसे संसाधन कहते हैं. जैसे जल, वन, पशु-पक्षी, कुर्सी, टेबल इत्यादि.

2. नवीकरण योग्य संसाधन क्या है?

उत्तर:- वे संसाधन जिन्हें भौतिक, रसायनिक  या आंतरिक क्रियाओं द्वारा नवीकृत अथवा पुन: उत्पन्न किया जा सकता है. उसे नवीकरण योग्य अथवा पुनः पूर्ति योग्य संसाधन करते हैं. जैसे:- जल, पेड़-पौधे, सौर ऊर्जा, पवन इत्यादि.

3. अनवीकरण योग्य संसाधन क्या है?

उत्तर:- वैसे संसाधन जिसका विकास एक लंबे भूवैज्ञानिक अंतराल में होता है. अर्थात जिसे बनने में लाखों वर्ष लग जाते हैं. और जिसकी मात्रा सीमित है. वैसे संसाधन को अनवीकरण योग्य संसाधन कहते हैं. जैसे खनिज, जीवाश्म ईंधन इत्यादि.

4. संभावी संसाधन क्या है उदाहरण देकर बताएं?

उत्तर:- वैसे संसाधन जो किसी प्रदेश में पाये जाते हैं, परंतु इनका उपयोग बड़े स्तर पर नहीं किया गया है. भविष्य में इसके उपयोग की अपार संभावनाएं उससे संभावित संसाधन है. जैसे पश्चिम भारत में विशेष का राजस्थान गुजरात में पवन और सौर ऊर्जा की अपार संभावना है. परंतु उनका उस अनुपात में विकास नहीं किया गया है.

5. विकसित संसाधन किसे कहते हैं?

उत्तर:- वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण हो चुका है और उनके उपयोग और गुणवत्ता तथा मात्रा निर्धारित की जा चुकी है. विकसित संसाधन कहे जाते हैं. जैसे – कोयला, पेट्रोलियम, खनिज इत्यादि.

6. संचित कोष क्या है?

उत्तर:- पर्यावरण में उपलब्ध वे संसाधन जो भविष्य में मानव की आवश्यकताएं पूर्ति कर सकते हैं. परंतु फिलहाल सही तकनीक के अभाव में उपयोग नहीं हो पा रहा है. उसे संचित कोष या भंडार के रूप में जाना जाता है. जैसे:- महासागरों या बांधों में स्थित जल वन इत्यादि.

7. पुन: चक्रीय संसाधन किसे कहते हैं?

उत्तर:- वैसे अनवीकरणीय संसाधन जिसके टुटने-फुटने या खराब होने के बाद पुनः संशोधित कर नये संसाधन के रूप में बदलकर उपयोग में लाया जाता है. उसे पुनः चक्रीय संसाधन करते हैं. जैसे:- धातु (लोहा, तांबा, टीन, सीसा, सोना, चांदी इत्यादि.

8. जलोढ़ मिट्टी का विस्तार किन राज्यों में है?

उत्तर:- जलोढ़ मिट्टी का विस्तार पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात के संकरी पट्टी तथा  पूर्वी तटीय मैदानी भाग में है.

9.  उत्तर भारत के मैदान का निर्माण कैसे हुआ है?

उत्तर:- उत्तर भारत के मैदान का निर्माण गंगा नदी तंत्र, सिंधु नदी तंत्र और ब्रह्मपुत्र नदी तंत्रों के द्वारा लाए गए मिट्टी से हुआ है. इस कारण उत्तर भारत के मैदान को सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र के मैदान के नाम से जाना जाता है.

10. जलोढ़ मिट्टी की तीन विशेषता लिखें?

उत्तर:- i. जलोढ़ मिट्टी उपजाऊ मिट्टी है. ii. जलोढ़ मिट्टी में धान, गेहूं, गन्ना और मक्के की फसल प्रमुखता से उगाई जाती है. iii. भारत में जलोढ़ मिट्टी वाले क्षेत्र में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व पाया जाता है.

• Long Questions

1. बांगर और खादर के बीच चार अंतर स्पष्ट करें..

i. बांगड़ पुरानी जलोढ़ मृदा है. ii. हर वर्ष यहां बाढ़ का पानी नहीं पहुंचता. iii. इसमें खादर की अपेक्षा मिट्टी के कण मोटे होते हैं. iv. यह खादर की अपेक्षा कम उपजाऊ मिट्टी हैं.

i. यह नवीन जलोढ़ मृदा है. ii. यहां हर वर्ष बाढ़ का पानी पहुंचता है. iii. इसमें मिट्टी के महीन कण पाए जाते हैं. iv. यह खादर की अपेक्षा अधिक उपजाऊ मिट्टी है.

2. प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपभोग कैसे हुआ है? {Jac board Annual Exam. 2009, 2012, 2014, 2016}

उत्तर:- संसाधनों का उपभोग सांस्कृतिक विरासत जैसे- मनुष्य के ज्ञान, कौशल, प्रौद्योगिकी आदि पर निर्भर करता है. प्रौद्योगिकी विकास के कारण आर्थिक विकास संभव हुआ है. जिससे संसाधनों का उपभोग बड़ा है. यदि कोई क्षेत्र संसाधनों में धनी है लेकिन वहां प्रौद्योगिकी विकास नहीं हुआ है, तो इन उपलब्ध संसाधनों का उपभोग संभव नहीं है. प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के कारण ही विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थों को भूगर्भ से निकालना संभव हो पाया है.

आदिम अवस्था में मनुष्य वनस्पति एवं पशुओं पर निर्भर था. धीरे-धीरे मनुष्य ने उन्नति की और उसने नवीन तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के बल पर प्रकृति के रहस्यों को पता लगाया और कल की प्राकृतिक संपदा को आज के संसाधनों में बदला. मनुष्य द्वारा संसाधनों का प्रयोग उसके प्रौद्योगिकी के स्तर पर निर्भर करता है. कोयला तथा पेट्रोलियम का प्रयोग आर्थिक स्तर पर तब तक नहीं हो पाया, जब तक भाप का इंजन और अंतर्दहन इंजन का आविष्कार नहीं हो गया.

अत: प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के कारण ही संसाधनों का अधिक उपभोग हुआ है.

3. पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है. इस प्रकार की मिट्टी की तीन प्रमुख विशेषताएं क्या है? 

उत्तर:- पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं में जलोढ़ प्रकार की मिट्टी पाई जाती है. जलोढ़ मिट्टी के तीन प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं. i. जलोढ़ मिट्टी को उपजाऊ मिट्टी. ii. जलोढ़ मिट्टी में धान, गेहूं, गन्ना और मक्के की फसल प्रमुखता से उगाई जाती है. iii. भारत में जलोढ़ मिट्टी वाले क्षेत्र में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व पाया जाता है.

4. समाप्यता के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण करें? {Jac board Annual Exam. 2009}

उत्तर:- समाप्यता के आधार पर संसाधनों को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है. (i) नवीकरण योग्य संसाधन (ii) अनवीकरणीय योग्य संसाधन

(i) नवीकरण योग्य (पुन: पूर्ति योग्य) संसाधन :- इसके अंतर्गत व संसाधन आते हैं जिन्हें भौतिक, रासायनिक या यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा नवीकृत या पुनः उत्पन्न किया जा सकता है. अथवा एक समय अंतराल पर हमें पुनः प्राप्त हो जाता है. उसे नवीकरण योग्य या पुनः पूर्ति योग्य संसाधन कहते हैं. जैसे:- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल, वन, वन्य प्राणी, मृदा, मानव इत्यादि. इन संसाधनों को सतत् (प्रवाह) और जैव के रूप में भी विभाजित किया जा सकता है. (A) सतत् (प्रवाह) :- पवन, सौर, जल इत्यादि. (B) जैव :- वनस्पति, पशु पक्षी, मानव इत्यादि.

(ii) अनवीकरणीय योग्य संसाधन:- इन संसाधनों का विकास अथवा निर्माण एक लंबे भूवैज्ञानिक अंतराल (लाखों, करोड़ों साल) में होता है. खनिज और जीवाश्म ईंधन इसी प्रकार के संसाधन हैं. इनमें से कुछ ऐसे संसाधन हैं, जो पुनः चक्रीय हैं. जैसे- धातुएं (लोहा, तांबा, एल्युमिनियम आदि) और  कुछ संसाधन जैसे जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस) अचक्रीय हैं. ये संसाधन एक बार प्रयोग के साथ ही समाप्त हो जाते हैं.

5. विकास के स्तर के आधार पर संसाधनों को लिखें?

उत्तर:- विकास के स्तर के आधार पर चार प्रकार के संसाधनों में बांटा गया है.

(i) संभावी संसाधन

वैसे संसाधन जो किसी प्रदेश में पाये जाते हैं, परंतु इनका उपयोग बड़े स्तर पर नहीं किया गया है. भविष्य में इसके उपयोग की अपार संभावनाएं उससे संभावित संसाधन है. जैसे पश्चिम भारत में विशेष का राजस्थान गुजरात में पवन और सौर ऊर्जा की अपार संभावना है. परंतु उनका उस अनुपात में विकास नहीं किया गया है.

(ii) विकसित संसाधन

वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण हो चुका है और उनके उपयोग और गुणवत्ता तथा मात्रा निर्धारित की जा चुकी है. विकसित संसाधन कहे जाते हैं. जैसे – कोयला, पेट्रोलियम, खनिज इत्यादि.

(iii) भंडार या संचित कोष

पर्यावरण में उपलब्ध वे संसाधन जो भविष्य में मानव की आवश्यकताएं पूर्ति कर सकते हैं. परंतु फिलहाल सही तकनीक के अभाव में उपयोग नहीं हो पा रहा है. उसे भंडार या संचित कोष के रूप में जाना जाता है. जैसे:- महासागरों या बांधों में स्थित जल वन इत्यादि. जल दो गैसों, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के योगिक से बना है, और हाइड्रोजन ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है.

• मानचित्र से पूछे जाने वाले प्रश्न

1. जलोढ़ मिट्टी के क्षेत्र को दर्शाए

2. लाल एवं पीली मिट्टी के क्षेत्र को प्रदर्शित करें

3. लाल एवं पीली मिट्टी के झारखंड के क्षेत्र को दर्शाए

Class 10 geography question answer in hindi ••••••••••••••

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geography ka assignment hindi mein

भारत का भूगोल (MCQs)

[A] गुजरात [B] राजस्थान [C] उड़ीसा [D] मध्यप्रदेश

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[A] रबी फसल [B] खरीफ फसल [C] ज़ायद फसल [D] इनमें से कोई नहीं

[A] बिहार [B] छत्तीसगढ़ [C] उत्तराखंड [D] झारखंड

[A] सूती वस्त्र उद्योग [B] सिल्क उद्योग [C] पेट्रोलियम उद्योग [D] कांच उद्योग

[A] केसर की खेती के लिए [B] सीढ़ीनुमा खेती [C] सेब के बगीचे [D] झूम खेती

[A] केवल 1 [B] 1 और 2 [C] 1, 2 और 3 [D] 1, 2, 3 और 4

[A] भारतीय रबड़ [B] बासमती चावल [C] मालाबार कॉफ़ी [D] दार्जीलिंग चाय

[A] बेरिग जलडमरूमध्य [B] पल्क जलडमरूमध्य [C] कुक जलडमरूमध्य [D] तेब्रौ जलडमरूमध्य

[A] केवल 1 [B] केवल 2 [C] 1 और 2 दोनों [D] कोई भी नहीं

[A] गंगा नदी प्रवाह तंत्र [B] ब्रह्मपुत्र नदी प्रवाह तंत्र [C] यमुना नदी प्रवाह तंत्र [D] कोसी नदी प्रवाह तंत्र

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वन एवं वन्य जीव संसाधन class 10 notes, Class 10 geography chapter 2 notes in hindi

10 class भूगोल chapter 2 वन एवं वन्य जीव संसाधन notes in hindi.

NCERT
Class 10
भूगोल Geography
Chapter 2
Class 10 भूगोल Notes in Hindi
Hindi

वन एवं वन्य जीव संसाधन class 10 notes, Class 10 geography chapter 2 notes in hindi. जिसमे भारत में वनस्पतिजात और प्राणीजात , जातियों का वर्गीकरण , वनस्पतिजात और प्राणिजात के टिक्तिकरण के कारण , भारत में वन एवं वन्यजीवन का संरक्षण , वन एवं वन्यजीवन के प्रकार और वितरण , समुदाय और वन संरक्षण आदि के बारे में पड़ेंगे ।

Class 10 भूगोल Chapter 2 वन एवं वन्य जीव संसाधन Notes in hindi

📚 अध्याय = 2 📚 💠 वन एवं वन्य जीव संसाधन 💠

❇️ जैव विविधता :-

🔹 जैव विविधता का अर्थ है आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए तथा परस्पर निर्भर पादपों ओर जंतुओं के विविध प्रकार ।

❇️ प्राकृतिक वनस्पति :-

🔹 प्राकृतिक वनस्पति का अर्थ है प्राकृतिक रूप से स्वयं उगने व पनपने वाले पादप समूह वन , घास , भूमि आदि इसके प्रकार हैं । इसे अक्षत वनस्पति के रूप में भी जाना जाता है ।

❇️ स्वदेशी वनस्पति प्रजातियां :-

🔹 स्थानिक पादप – अक्षत ( प्राकृतिक ) वनस्पति जो कि विशुद्ध रूप में भारतीय है । इसे स्वदेशी वनस्पति प्रजातियां भी कहते हैं ।

❇️ पारितंत्र ( पारिस्थितिकी तंत्र ) :-

🔹 किसी क्षेत्र के पादप और जंतु अपने भौतिक पर्यावरण में एक दूसरे पर निर्भर व परस्पर जुड़े हुए होते हैं । यही एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है । मानव भी इस तंत्र का एक प्रमुख भाग हैं ।

❇️ वन्यजीवन :-

🔹 वन जीव जो कि अपने प्राकृतिक पर्यावरण में रहते हैं । 

❇️ फ्लोरा और फौना :-

🔶 फ्लोरा :- किसी क्षेत्र या काल विशेष के पादप ।

🔶 फौना :- जंतुओं की प्रजातियां ।

❇️ भारत में वनस्पतिजात और प्राणिजात :-

🔹 भारत अपने वनस्पति जात ( फ्लोरा ) में अति समृद्ध है । भारत में लगभग 47000 पादप प्रजातियां तथा लगभग 15,000 पुष्प प्रजातियां स्थानिक ( स्वदेशी ) हैं । 

🔹 भारत अपने प्राणिजात ( फौना ) में भी अति समृद्ध है । यहां 81000 से अधिक प्राणि / जंतु प्रजातियां है । यहां पक्षियों की 1200 से अधिक और मछलियों की 2500 से अधिक प्रजातियां हैं । यहां लगभग 60,000 प्रजातियों के कीट – पतंग भी पाये जाते हैं ।

❇️ भारत मे लुप्तप्राय प्रजातियाँ जो नाजुक अवस्था में हैं :- 

🔹 चीता , गुलाबी सिर वाली बत्तख , पहाड़ी कोयल और जंगली चित्तीदार उल्लू और मधुका इनसिगनिस ( महुआ की जंगली किस्म ) और हुबरड़िया हेप्टान्यूरोन ( घास की प्रजाति ) आदि । 

❇️ लुप्त होने का खतरा झेल रही प्रजातियाँ :-

🔹 भारत में बड़े प्राणियों में से स्तनधरियों की 79 जातियाँ , पक्षियों की 44 जातियाँ , सरीसृपों की 15 जातियाँ और जलस्थलचरों की 3 जातियां लुप्त होने का खतरा झेल रही है । लगभग 1500 पादप जातियों के भी लुप्त होने का खतरा बना हुआ है ।

❇️ प्रजातियों का वर्गीकरण :-

🔹 अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संघ ( IUCN ) के अनुसार इनको निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है :-

🔶  सामान्य जातियाँ :- ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या जीवित रहने के लिए सामान्य मानी जाती है , जैसे :- पशु , साल , चीड़ और कृन्तक ( रोडेंट्स ) इत्यादि ।

🔶 लुप्त जातियाँ :- ये वे जातियाँ हैं जो इनके रहने के आवासों में खोज करने पर अनुपस्थित पाई गई है । जैसे : – एशियाई चीता , गुलाबी सिरवाली ।

🔶 सुभेध जातियाँ :- ये वे जातियाँ हैं , जिनकी संख्या घनी रही है । जिन विषम परिस्थितियों के कारण इनकी संख्या यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियों नहीं बदली जाती और इनकी संख्या घटती रहती है तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएगी । जैसे :- नीली भेड़ , एशियाई हाथी , गंगा नदी आदि ।

🔶  संकटग्रस्त जातियाँ :- ये वे जातियाँ है जिनके लुप्त होने का खतरा है । जिन विषम परिस्थितियों के कारण इनकी संख्या कम हुई है , यदि वे जारी रहती हैं तो इन जातियों का जीवित रहना कठिन है । जैसे :- काला हिरण , मगरमच्छ , संगाई आदि ।

🔶  दुर्लभ जातियाँ :- इन जातियों की संख्या बहुत कम या सुभेद्य हैं और यदि इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ नहीं परिवर्तित होती तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ सकती हैं । 

🔶 स्थानिक जातियाँ :- प्राकृतिक या भौगोलिक सीमाओं से अलग विशेष क्षेत्रों में पाई जाने वाली जातियाँ अंडमानी टील , निकोबारी कबूतर , अंडमानी जंगली सुअर और अरुणाचल के मिथुन इन जातियों के के उदाहरण हैं ।

❇️ वनस्पतिजात और प्राणिजात के ह्रास के कारण :-

🔶 कृषि में विस्तार :- भारतीय वन सर्वेक्षण के आँकड़े के अनुसार 1951 से 1980 के बीच 262,00 वर्ग किमी से अधिक के वन क्षेत्र को कृषि भूमि में बदल दिया गया । अधिकतर जनजातीय क्षेत्रों , विशेषकर पूर्वोत्तर और मध्य भारत में स्थानांतरी ( झूम ) खेती अथवा ‘ स्लैश और बर्न ‘ खेती के चलते वनों की कटाई या निम्नीकरण हुआ है ।

🔶 संवर्धन वृक्षारोपण :- जब व्यावसायिक महत्व के किसी एक प्रजाति के पादपों का वृक्षारोपण किया जाता है तो इसे संवर्धन वृक्षारोपण कहते हैं। भारत के कई भागों में संवर्धन वृक्षारोपण किया गया ताकि कुछ चुनिंदा प्रजातियों को बढ़ावा दिया जा सके। इससे अन्य प्रजातियों का उन्मूलन हो गया।

🔶 विकास परियोजनाएँ :- आजादी के बाद से बड़े पैमाने वाली कई विकास परियोजनाओं को मूर्तरूप दिया गया । इससे जंगलों को भारी क्षति का सामना करना पड़ा । 1952 से आजतक नदी घाटी परियोजनाओं के कारण 5,000 वर्ग किमी से अधिक वनों का सफाया हो चुका है।

🔶 खनन :- खनन से कई क्षेत्रों में जैविक विविधता को भारी नुकसान पहुँचा है । उदाहरण :- पश्चिम बंगाल के बक्सा टाइगर रिजर्व में डोलोमाइट का खनन ।

🔶 संसाधनों का असमान बँटवारा :- अमीर और गरीबों के बीच संसाधनों का असमान बँटवारा होता है । इससे अमीर लोग संसाधनों का दोहन करते हैं और पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुँचाते हैं ।

❇️ हिमालयन यव :-

🔹 हिमालयन यव ( चीड़ की प्रकार सदाबहार वृक्ष ) एक औषधीय पौधा है जो हिमाचल प्रदेश और अरूणाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पाया गया है । 

  • पेड़ की छाल , पत्तियों , टहनियों और जड़ों से टकसोल नामक रसायन निकाला जाता है । 
  • कैंसर रोगों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है । 

🔶 नुकसान :-

🔹 हिमाचल प्रदेश और अरूणाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में यव के हजारों पेड़ सूख गए हैं ।

❇️ कम होते संसाधनों के सामाजिक प्रभाव :-

🔹 संसाधनों के कम होने से समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं । कुछ चीजें इकट्ठा करने के लिये महिलाओं पर अधिक बोझ होता है; जैसे ईंधन, चारा, पेयजल और अन्य मूलभूत चीजें । 

🔹 इन संसाधनों की कमी होने से महिलाओं को अधिक काम करना पड़ता है । कुछ गाँवों में पीने का पानी लाने के लिये महिलाओं को कई किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता है ।

🔹 वनोन्मूलन से बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक विपदाएँ बढ़ जाती हैं जिससे गरीबों को काफी कष्ट होता है ।

❇️ भारतीय वन्यजीवन (संरक्षण) अधिनियम 1972 :-

🔹 1960 और 1970 के दशकों में पर्यावरण संरक्षकों ने वन्यजीवन की रक्षा के लिए नए कानून की माँग की थी । उनकी माँगों को मानते हुए सरकार ने भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम 1972 को लागू किया ।

🔶 उद्देश्य :-

इस अधिनियम के तहत संरक्षित प्रजातियों की एक अखिल भारतीय सूची तैयार की गई । 

बची हुई संकटग्रस्त प्रजातियों के शिकार पर पाबंदी लगा दी गई । 

वन्यजीवन के व्यापार पर रोक लगाया गया । 

वन्यजीवन के आवास को कानूनी सुरक्षा प्रदान की गई । 

कई केंद्रीय सरकार व कई राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव पशुविहार स्थापित किए ।

कुछ खास जानवरों की सुरक्षा के लिए कई प्रोजेक्ट शुरु किये गये, जैसे प्रोजेक्ट टाइगर ।

❇️ संरक्षण के लाभ :-

🔹 संरक्षण से कई लाभ होते हैं । इससे पारिस्थिति की विविधता को बचाया जा सकता है । इससे हमारे जीवन के लिये जरूरी मूलभूत चीजों (जल, हवा, मिट्टी) का संरक्षण भी होता है ।

❇️ वन विभाग द्वारा वनों का वर्गीकरण :-

🔶 आरक्षित वन :- देश में आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन घोषित किए गए हैं । जहाँ तक वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण की बात है , आरक्षित वनों को सर्वाधिक मूल्यवान माना जाता है ।

🔶 रक्षित वन :- वन विभाग के अनुसार देश के कुल वन क्षेत्र का एक तिहाई हिस्सा रक्षित है । इन वनों को और अधिक नष्ट होने से बचाने के लिए इनकी सुरक्षा की जाती है । 

🔶 अवर्गीकृत वन :- अन्य सभी प्रकार के वन और बंजरभूमि जो सरकार , व्यक्तियों और समुदायों के स्वामित्व में होते हैं , अवर्गीकृत वन कहे जाते हैं ।

❇️ वन्य जीवन को होने वाले अविवेकी ह्यस पर नियंत्रण के उपाय :-

सरकार द्वारा प्रभावी , वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम ।

भारत सरकार ने लगभग चौदह जैव निचय ( जैव संरक्षण स्थल ) प्राणि – जात व पादप – जात , हेतु बनाए हैं । 

सन् 1992 से भारत सरकार द्वारा कई वनस्पति उद्यानों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता दी गई है । 

बाघ परियोजना , गैंडा परियोजना , ग्रेट इंडियन बर्स्टड परियोजना तथा कई अन्य ईको विकासीय ( पारिस्थितिक विकासीय ) परियोजनायें शुरू की गई हैं ।

89 राष्ट्रीय उद्यान , 490 वन्य जीव अभयारण्य तथा प्राणी उद्यान बनाये गये हैं । 

इन सबके अतिरिक्त हम सभी को हमारे प्राकृतिक पारिस्थितक व्यवस्था के महत्त्व को हमारी उत्तरजीविता के लिए समझना अति आवश्यक है ।

❇️ चिपको आन्दोलन :-

🔹 एक पर्यावरण रक्षा का आन्दोलन था । यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य में किसानों ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था । यह आन्दोलन तत्कालीन उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में सन 1970 में प्रारम्भ हुआ ।

❇️ प्रोजेक्ट टाइगर :-

🔹 बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिये प्रोजेक्ट टाइगर को 1973 में शुरु किया गया था।

🔹 बीसवीं सदी की शुरुआत में बाघों की कुल आबादी 55,000 थी जो 1973 में घटकर 1,827 हो गई।

❇️ बाघ की आबादी के लिए खतरे :-

  • व्यापार के लिए शिकार
  • सिमटता आवास
  • भोजन के लिए आवश्यक जंगली उपजातियों की घटती संख्या, आदि ।

❇️ महत्वपूर्ण टाइगर रिजर्व :-

🔹 उत्तराखण्ड में कॉरबेट राष्ट्रीय उद्यान , पश्चिम बंगाल में सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान , मध्य प्रदेश में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान , राजस्थान में सरिस्का वन्य जीव पशुविहार , असम में मानस बाघ रिज़र्व और केरल में पेरियार बाघ रिज़र्व भारत में बाघ संरक्षण परियोजनाओं के उदाहरण हैं ।

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मानव एवं आर्थिक भूगोल | Manav Avam Aarthik Bhugol

Manav Avam Aarthik  Bhugol by माजिद हुसैन - Majid Husain

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